भारत को अंग्रेजी की परतंत्रता से मुक्त कराने का अभियान।
दिगंबर जैनाचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज की पावन प्रेरणा से आरम्भ किया गया है। भारत की हर भाषा को उसका अधिकार मिले, देश के हर राज्य में संबंधित राज्य की भाषा में राजकाज, शिक्षा और न्याय की व्यवस्था हो और भारत सरकार के राजकाज में हिन्दी का प्रयोग हो ताकि भारत में लोकतंत्र की सच्ची स्थापना हो। हर भारतीय देश की सभी भाषाओं के प्रति सम्मान व्यक्त करे, उनकी उन्नति में सहायक हो।
अनुवाद
मंगलवार, 27 सितंबर 2011
ऋषभदेव भगवान
जैन धर्म के पहले तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव
जैनधर्म दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म है, मोहन जोदड़ो और हड़प्पा संस्कृतियों के अवशेषों में जैनधर्म के अवशेष भी मिले हैं.
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