अरिहंत
ट्रस्ट का न्यास-विलेख
यह न्यास विलेख आज दिनांक 28.09.2001
को सुल्तानगंज नगर में श्रीमती कमला जैन पत्नी स्व. श्री जयनारायण जैन,
आयु ६५ वर्ष, निवासिनी मुख्य सड़क, बड़ा बाज़ार सुल्तानगंज-४६४८८१ (जिनको आगे चलकर
न्यासकर्त्री कहा गया है) द्वारा निष्पादित किया गया।
यह कि न्यासकर्त्री का सुल्तानगंज नगर में एक मकान है जो कि संलग्न परिशिष्ट में वर्णित है। वह उक्त मकान की मालिक, क़ाबिज़ एवं दाखि़ल हैं। यह मकान पैतृक सम्पत्ति नहीं है, इसे इन्होंने स्वयं खरीदा-बनाया है। यह सम्पत्ति सभी प्रकार के भारों, अधिभारों तथा परिसीमा से मुक्त है। इस सम्पत्ति के अलावा न्यासकर्त्री के पास जीविकोपार्जन के लिए अन्य सम्पत्ति/साधन हैं।
यह कि न्यासकर्त्री सामाजिक कार्यों विशेषकर बच्चों, किशोरों एवं युवाओं में तर्कपरकता, वैज्ञानिक जीवनदृष्टि तथा मानवतावाद की भावना उत्पन्न करने के लिए विभिन्न तरह के कार्यों यथा बालकेन्द्र, बाल पुस्तकालय की स्थापना तथा संचालन एवं बाल साहित्य के प्रकाशन में संलग्न रही हैं।
यह कि न्यासकर्त्री अब वृद्ध हो गयी हैं तथा अक्सर बीमार रहती हैं। वृद्धावस्था तथा बीमारी की वजह से उपरोक्त सामाजिक कार्यों को जारी रखने में अपने आप को असमर्थ पा रही हैं। उनके निकट सम्बन्धियों की इन कार्यों में कोई रुचि नहीं है तथा न्यासकर्त्री को पूर्ण विश्वास है कि ये लोग इन कार्यों को कुशलतापूर्वक जारी रखने तथा विस्तारित करने में सक्षम नहीं हैं।
यह कि न्यासकर्त्री के पुत्र श्री अरिहंत जैन का युवावस्था में ही सन् 1989 में आकस्मिक निधन हो गया। स्वर्गीय अरिहंत अत्यन्त संवेदनशील, मेधावी और सामाजिक सरोकारों वाले युवक थे।
यह कि वर्तमान में न्यासकर्त्री की दो पुत्रियाँ हैं जो बालिग व शादीशुदा हैं तथा वे अपने-अपने पतियों के साथ ससुराल में सुखी-सम्पन्न जीवन बिता रही हैं। उनका उपरोक्त वर्णित सम्पत्ति से कोई वास्ता नहीं है और न ही भविष्य में उत्तराधिकार/अन्य किसी रूप में उनका उक्त सम्पत्ति से कोई वास्ता रहेगा।
यह कि (अ) न्यासकर्त्री उक्त सम्पत्ति, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट में वर्णित है, का अपने स्वर्गीय पुत्र श्री अरिहंत की स्मृति में एक लोक धर्मार्थ न्यास स्थापित करना चाहती हैं। (ब) न्यासकर्त्री के निवेदन पर विलेख में उल्लिखित व्यक्ति, जो कि पहले से ही न्यासकर्त्री के समस्त सामाजिक सांस्कृतिक कार्यों में सहयोगी रहे हैं, प्रथम न्यासीगण के रूप में कार्य करने के लिए सहमत हैं। यह न्यास निम्नलिखित प्रकार से साक्ष्यांकित और घोषित है :
1. न्यास
की स्थापना
उपरोक्त आकांक्षा को मूर्त
रूप देने के लिए न्यासकर्त्री उक्त मकान का न्यास स्थापित करती हैं तथा घोषणा करती
हैं कि उक्त मकान का स्वामित्व अन्य सभी अधिकारों-स्वत्वाधिकारों या और जो भी हो
के साथ न्यासीगण को सदैव के लिए हस्तान्तरित किया जाता है और उक्त को उनमें निहित
किया जाता है और न्यासीगण इस सम्पत्ति का उपयोग न्यास के उद्देश्यों (अनुच्छेद-4), जो कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 2 (15) की मंशा के अनुरूप हैं, की पूर्ति के लिए करेंगे।
2. न्यास
का नाम:
न्यास का नाम ‘अरिहंत ट्रस्ट’ होगा।
3. न्यास
का प्रधान कार्यालय
न्यास का प्रधान कार्यालय मुख्य
सड़क,
बड़ा बाज़ार सुल्तानगंज-४६४८८१ में स्थित होगा।
4. न्यास
के उद्देश्य
न्यास के निम्नलिखित
उद्देश्य होंगे -
(i)
समाज के बच्चों, किशोरों और युवा पीढ़ी के भीतर तर्कपरकता, वैज्ञानिक
जीवन दृष्टि तथा सामूहिकता, समता, जनकल्याण
और मानवतावाद की भावना पैदा करने के लिए विविध किस्म के
सांस्कृतिक-शैक्षिक-सामाजिक कार्यों का संचालन न्यास का बुनियादी उद्देश्य होगा।
यह बुनियादी उद्देश्य हर हाल में अपरिवर्तनीय होगा।
(ii)
न्यास द्वारा (अ) एक बाल पत्रिका
का नियमित प्रकाशन किया जायेगा, (ब) पुस्तकों एवं पुस्तिकाओं
का प्रकाशन किया जायेगा और (स) चित्रों-उद्धरणों के पोस्टरों का प्रकाशन किया
जायेगा। उपरोक्त सभी प्रकाशन अव्यावसायिक होंगे।
(iii)
नई पीढ़ी की रचनात्मक प्रतिभा को
प्रोत्साहन देने के लिए न्यास समय-समय पर निबन्ध प्रतियोगिता, रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता,
नाटक प्रतियोगिता तथा गायन प्रतियोगिता आदि कार्यक्रमों का आयोजन
करेगा।
(iv)
न्यास समय-समय पर बच्चों, किशोरों और युवाओं के सांस्कृतिक कार्यशालाओं, शिविरों
और शैक्षिक-सांस्कृतिक भ्रमण कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।
(v)
न्यास नई पीढ़ी के सांस्कृतिक
स्तरोन्नयन और ज्ञानार्जन के लिए एक पुस्तकालय एवं वाचनालय का संचालन करेगा।
(vi)
न्यास समय-समय पर बाल साहित्य के
लेखकों और संस्कृतिकर्मियों को आमन्त्रित करके संगोष्ठियों और कार्यशालाओं का
आयोजन करेगा।
(vii)
न्यास के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु
आवश्यक साहित्य के प्रकाशन के लिए एक मुद्रण प्रतिष्ठान (प्रिण्टिंग प्रेस) भी
स्थापित किया जायेगा। यह प्रतिष्ठान भी अव्यावसायिक होगा।
(viii)
न्यास समान उद्देश्यों को लेकर
कार्यरत संस्थाओं से सहयोग लेगा तथा उनको सहयोग करेगा।
5. न्यासीगण
(अ) निम्निलिखित
व्यक्ति प्रथम न्यासीगण होंगे –
(i)
श्रीमती कमला जैन पत्नी स्व. श्री जय नारायण जैन, नि. मुख्य सड़क, बड़ा बाज़ार सुल्तानगंज
(ii) श्रीमती कलश पत्नी श्री एस.पी. सिन्हा, नि. एमआईजी-134, राप्तीनगर, फेज-1, बेगमगंज
(iii) श्री बाहुबली जैन पुत्र श्री के.सी. जैन, नि. 69, बाबा का पुरवा, पेपरमिल रोड, निशातगंज, सुल्तानगंज
(iv) श्री सत्यम जैन पुत्र श्री लाल बहादुर जैन, नि. 81, समाचार अपार्टमेण्ट, मयूर विहार, फेज-1, दिल्ली
(v) श्रीमती मीनाक्षी पत्नी श्री अरविन्द जैन, नि. संस्कृति कुटीर, कल्याणपुर, बेगमगंज
(vi) श्री रामबाबू पुत्र श्री बालगोविन्द जैन, नि. ई-III, 551, सेक्टर-जे, अलीगंज, सुल्तानगंज
(vii) श्री विजय शंकर जैन पुत्र श्री रामबदन जैन, नि. ग्राम-तारा, पोस्ट-सितारा, जिला-रायसेन
(ii) श्रीमती कलश पत्नी श्री एस.पी. सिन्हा, नि. एमआईजी-134, राप्तीनगर, फेज-1, बेगमगंज
(iii) श्री बाहुबली जैन पुत्र श्री के.सी. जैन, नि. 69, बाबा का पुरवा, पेपरमिल रोड, निशातगंज, सुल्तानगंज
(iv) श्री सत्यम जैन पुत्र श्री लाल बहादुर जैन, नि. 81, समाचार अपार्टमेण्ट, मयूर विहार, फेज-1, दिल्ली
(v) श्रीमती मीनाक्षी पत्नी श्री अरविन्द जैन, नि. संस्कृति कुटीर, कल्याणपुर, बेगमगंज
(vi) श्री रामबाबू पुत्र श्री बालगोविन्द जैन, नि. ई-III, 551, सेक्टर-जे, अलीगंज, सुल्तानगंज
(vii) श्री विजय शंकर जैन पुत्र श्री रामबदन जैन, नि. ग्राम-तारा, पोस्ट-सितारा, जिला-रायसेन
(ब) न्यासीगण
की संख्या कम से कम सात होगी। आवश्यकतानुसार ऐसे व्यक्ति/व्यक्तियों, जो कि न्यास के उद्देश्यों से पूर्णतया सहमत हों तथा न्यास के कार्यों में
सक्रिय भागीदारी के लिए वचनबद्ध हो, की न्यासी के रूप में
न्यासी मण्डल के दो तिहाई बहुमत द्वारा नियुक्त की जा सकती है।
(स) श्रीमती कमला जैन न्यास की आजीवन अध्यक्षा होंगी। सचिव एवं कोषाध्यक्ष
का चुनाव न्यासीगण अपने बीच से बहुमत द्वारा करेंगे। श्रीमती कमला जैन के बाद
अध्यक्ष पद का भी चुनाव न्यासीमण्डल अपने बीच से बहुमत द्वारा करेगा।
6. न्यास का प्रबन्धन
(i)
न्यास के प्रबन्धन, न्यास की सम्पत्ति पर
नियन्त्रण रखने तथा न्यास के समस्त कारोबार के संचालन के समस्त अधिकार-प्राधिकार
न्यासीगण में निहित होंगे। न्यासियों के लिए यह विधिसम्मत होगा कि वे समय-समय पर
न्यास के कुशल प्रबन्धन एवं प्रशासन के लिए नियम बनायें बशर्ते कि ये नियम आयकर
अधिनियम 1961 की धारा 2(15), 11 और 13
और 80-जी के प्राविधानों के अनुकूल हों।
(ii) न्यास के कुशल प्रबन्धन, आय-व्यय के हिसाब-किताब तथा अन्य कार्यों के संचालन हेतु न्यासमण्डल की वर्ष में कम से कम एक बार बैठक होगी।
(ii) न्यास के कुशल प्रबन्धन, आय-व्यय के हिसाब-किताब तथा अन्य कार्यों के संचालन हेतु न्यासमण्डल की वर्ष में कम से कम एक बार बैठक होगी।
(iii)
सभी बैठकों के लिए कोरम पूरा करने हेतु न्यासी मण्डल के दो-तिहाई
सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
(iv)
बैठकों की कार्यवाही कार्यवृत्ति पुस्तिका में दर्ज की जायेगी।
(v)
जनचेतना पुस्तक प्रतिष्ठान, जो कि
न्यासकर्त्री के मकान के प्रथम तल पर स्थित है और जो प्रगतिशील साहित्य के वितरण
एवं विक्रय के साथ ही न्यासकर्त्री द्वारा प्रकाशित बाल पत्रिका एवं अन्य साहित्य
के वितरण एवं मुद्रण-प्रबन्धन का काम भी करता रहा है, न्यास
द्वारा प्रकाशित पत्रिका एवं समस्त साहित्य के मुद्रण-प्रबन्धन और वितरण का काम
करेगा तथा पूर्व की भाँति न्यासकर्त्री के मकान के प्रथम तल पर स्थित रहेगा।
न्यासकर्त्री के मकान, जो कि अब न्यास की सम्पत्ति है,
के प्रथम तल के जिस भाग पर जनचेतना स्थित है वह भाग मानचित्र में से
दर्शाया गया है।
(vi)
न्यास का मुद्रण प्रतिष्ठान अन्य संस्थानों-प्रतिष्ठानों की विविध
सामग्री भी मुद्रित कर सकता है। मुद्रण से प्राप्त होने वाली आय का इस्तेमाल न्यास
के कार्यों में किया जायेगा।
6. न्यासीगण
के अधिकार एवं कर्तव्य
(i)
न्यासीगण को न्यासकोष प्रबन्धन व
न्यास के कार्यों के सम्पादन हेतु आर्थिक स्रोत-संसाधन जुटाने तथा व्यय आदि का
अधिकार होगा।
(ii)
न्यासीगण को न्यास के वित्तीय
कार्यों के संचालन हेतु आवश्यकतानुसार बैंक खाते खोलने का अधिकार होगा।
(iii)
न्यास के हित में तथा उसकी प्रगति
और विस्तार के लिए न्यासीगण को न्यासीमण्डल के दो तिहाई बहुमत से चल/अचल
सम्पत्तियों-परिसम्पत्तियों का क्रय-विक्रय करने, पट्टे पर
लेने-देने, भवन निर्माण, ट्रस्ट भवनों
के पुनरुद्धार व विकास करने का अधिकार होगा।
(iv)
न्यास की सम्पत्तियों व अन्य के
रक्षण,
संरक्षण व अनुरक्षण हेतु वाद दायर करने/लड़ने तथा अन्य किसी भी
प्रकार की क़ानूनी कार्रवाई करने का अधिकार न्यासीगण के पास होगा।
(v)
न्यास के कार्यों हेतु न्यास की
सम्पत्तियों-परिसम्पत्तियों को गिरवी रखकर बैंक या दूसरे वित्तीय संस्थानों अथवा
अन्य उचित तरीव़फे से ऋण लेने का अधिकार न्यासीगण को होगा।
(vi)
न्यासीगण को आवश्यकतानुसार न्यास के
कार्यों के सम्पादन हेतु नियमित/संविदा के आधार पर कर्मचारी रखने का अधिकार होगा।
(vii)
न्यास निकाय (Trust
Corpus) के विस्तार हेतु न्यासीगण को न्यासकर्त्री/व्यक्ति/व्यक्तियों
से दान, स्वैच्छिक सहयोग, उपहार,
चल/अचल सम्पत्तियों के वसीयत, मासिक अथवा
वार्षिक चन्दा आमन्त्रित करने व प्राप्त करने का अधिकार होगा। न्यास केन्द्र अथवा
राज्य सरकारों से, सरकारी विभागों एवं संस्थाओं से, औद्योगिक-व्यावसायिक घरानों से, बहुराष्ट्रीय
कम्पनियों से, विदेशी फण्डिंग एजेंसियों से तथा संसदीय
राजनीतिक पार्टियों से किसी भी प्रकार का अनुदान या वित्तीय सहयोग नहीं लेगा।
(viii)
न्यास को किसी भी स्रोत से होने
वाली समस्त आय का उपयोग न्यास के कार्यों व न्यास के विस्तार में करने का न्यासीगण
को अधिकार होगा।
(ix)
न्यास के आधारभूत उद्देश्य को
अपरिवर्तनीय रखते हुए न्यासीगण अन्य उद्देश्यों को, जो कि आधारभूत
उद्देश्य से समानता रखते हों, जोड़ सकते हैं। इसके लिए
न्यासीमण्डल के दो तिहाई बहुमत की स्वीकृति अनिवार्य होगी।
(x)
न्यास की प्रगति एवं विस्तार के लिए
बुनियादी फैसले न्यासीगण न्यासीमण्डल के दो तिहाई बहुमत से ही लेंगे तथा उनके
द्वारा लिया गया फैसला अन्तिम होगा।
8. न्यास के लिए
वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक
होगा। न्यासीगण द्वारा न्यास के अन्तर्गत की गयी समस्त प्राप्तियों-अदायगियों को
उचित खातों में दर्ज करते हुए, प्राप्ति-अदायगी खाता व
आय-व्यय खाता तैयार कर प्रत्येक वर्ष के 30 अप्रैल तक
वित्तीय पक्का-चिट्ठा (Balance Sheet) तैयार करना होगा।
पक्का-चिट्ठा की विधिवत लेखा-परीक्षा मान्यता प्राप्त चार्टर्ड एकाउण्टेण्ट से
कराना होगा।
9. न्यास की सम्पत्तियों-परिसम्पत्तियों
से न्यासीगण को या किसी भी अन्य व्यक्ति को किसी भी तरह का निजी लाभ लेने का
अधिकार नहीं होगा। न्यास के बुनियादी उद्देश्यों की पूर्ति में न्यासीमण्डल की
अक्षमता के कारण न्यास के विघटन अथवा समापन की स्थिति में न्यास की
सम्पत्तियों-परिसम्पत्तियों का बँटवारा किसी भी सूरत में न्यासियों या उनके किसी
भी प्रकार के वारिसों के बीच नहीं होगा, बल्कि उन सम्पत्तियों-परिसम्पत्तियों
को अन्य किसी ऐसे न्यास या समिति को स्थानान्तरित कर दिया जायेगा जिसके उद्देश्य
न्यास के उद्देश्यों के अनुरूप हों।
10. यह स्थापित
न्यास अटल है।
11. न्यास
सम्पत्ति यथा मकान जिसका भूखण्ड क्षेत्रफल 2484 वर्ग फुट या 230.855
वर्ग मीटर है का बाज़ार मूल्य रु. 3500 प्रति
वर्ग मीटर + रु. 350.00 (10 प्रतिशत अतिरिक्त, 30 फूट चैड़ी सड़क पर स्थित होने के कारण) प्रति वर्ग मीटर की दर से रु. 8,88,751.75
है। भूतल निर्मित क्षेत्रफल 1384.19 वर्गफुट या
128.642 वर्ग मीटर की बाज़ार क़ीमत रु. 3500 प्रति वर्ग मीटर की दर से रु. 4,50,247.00 है तथा
प्रथम तल निर्मित क्षेत्रफल 955.57 वर्ग फुट या
88.807 वर्ग मीटर की बाज़ार क़ीमत रु. 3500 प्रति
वर्ग मीटर की दर से रु. 3,10,824.50 है। इस प्रकार मकान
(न्यास सम्पत्ति) की कुल बाज़ार क़ीमत रु. 16,49,863.50 है।
अतएव यह न्यास विलेख लिख दिया गया कि समय पर काम आवे।
अतएव यह न्यास विलेख लिख दिया गया कि समय पर काम आवे।
परिशिष्ट
विवरण न्यास सम्पत्ति
विवरण न्यास सम्पत्ति
भवन संख्या 498क/3ड मय भूखण्ड संख्या क-१२०8, क्षेत्रफल 2484 वर्गफुट या 230.85 वर्गमीटर स्थित निरालानगर, सुल्तानगंज
जिसकी सीमाएँ निम्नवत हैं (भवन योजना का मानचित्र इस न्यास विलेख के साथ संलग्न है)।
पूरब - तीस फीट चौड़ी सड़क
पश्चिम - मकान नं. क-१२०, व क-१२०2
उत्तर - मकान नं. क-१२०9
दक्षिण - मकान नं. क-१२०7
सुल्तानगंज, दिनांक ८ अप्रैल २०१२ (श्री महावीर जयंती)
हस्ताक्षर न्यासकर्त्री
(कमला जैन)
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