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मंगलवार, 15 अगस्त 2023

देश के लिए सर्वोच्च बलिदान करने वाले सैनिकों के परिवारों का सम्मान समारोह भायंदर में सम्पन्न

प्रेस विज्ञप्ति, 15 अगस्त 2023

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देश की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान करने वाले सैनिकों के परिवारों का सम्मान समारोह भायंदर में सम्पन्न

·       31 सैनिक परिवारों का हुआ सम्मान

·       जैन समाज के 1500 लोग जुटे

·       मुनिश्री अक्षरसागरजी महाराज ने दिये देश सेवा पर प्रवचन

वीर जवान फाउंडेशन के भूतपूर्व सैनिकों की रही विशेष उपस्थिति  

मंच पर विराजमान मुनिगण
श्री दिगंबर जैन चातुर्मास समिति मुंबई, श्री सुपार्श्वनाथ दिगंबर जैन चैत्यालय ट्रस्ट भांयदर, सकल दिगंबर जैन समाज ठाणे एवं वीर जवान फाउंडेशन मुंबई के संयुक्त तत्वाधान में राधेश्याम गार्डन, भायंदर पश्चिम में 15 अगस्त 2023 को एक ऐतिहासिक आयोजन किया गया इस दुश्मनों से लड़ते हुए मातृभूमि की रक्षा में अपना जीवन न्योछावर करने वाले 31 पराक्रमी वीर सैनिकों के परिजनों का सम्मान किया गया।

वीर सैन्य परिवार को सम्मानित करते हुए श्री मती नीता घेवारे, श्री दिलीप घेवारे एवं श्री प्रक्षाल घेवारे
 
दिगम्बर जैनाचार्य विद्यासागर जी महामुनिराज की प्रेरणा से मुनि अक्षय सागरजी महाराज, मुनिश्री नियमसागरजी महाराज, मुनिश्री शैलसागरजी महाराज, मुनिश्री अचलसागर जी महाराज व ऐलक श्री उपशम सागरजी महाराज ससंघ के सान्निध्य में 31 वीर सैनिकों की स्मृति में उनके परिवारों को आमंत्रित किया गया था।
कार्यक्रम में उपस्थित भूतपूर्व सैनिक
केंद्रीय चातुर्मास समिति के कार्याध्यक्ष श्री दिलीप जी घेवारे के मार्गदर्शन में इस आयोजन में देश भर से 31 सैनिक परिवारों का चयन कर आमंत्रित किया गया थाभारत के विभिन्न प्रांतों से आए प्रत्येक वीर सैन्य परिवार को प्रशस्ति पत्र, अहिंसक हथकरघा के वस्त्र, 25 हजार की राशि प्रदान की गई। हर सैनिक परिवार से 5-5 व्यक्तियों को समिति ने अपने खर्चे पर आमंत्रित किया था, उनके भोजन एवं आवास की पूरी व्यवस्था की गई थी।

वीरगति प्राप्त निम्नलिखित सैनिकों के परिजनों का किया गया सम्मान-

1.      हुतात्मा सूबेदार विजयराव सर्जयराव शिंदे

2.      हुतात्मा सूबेदार अरुण लक्ष्मण पालेकर

3.      हुतात्मा नायब सूबेदार लक्ष्मण भोसले

4.      हुतात्मा हवलदार सुभाष लालसो कराडे

5.      हुतात्मा नायक सोमनाथ मानसिंघ मंधारे

6.      हुतात्मा फ्लाइट लेफ्टिनेंट संदीप जैन

7.      हुतात्मा नायक संदीप रघुनाथ सावंत

8.      हुतात्मा नायक गौतम दादू धनावड़े

9.      हुतात्मा नायक प्रवीण तानाजी येलकर

10.     हुतात्मा नायक प्रदीप साहब राव मंडाले

11.    हुतात्मा नायक अनिल शंकर सकपाल

12.   हुतात्मा लेफ्टिनेंट गौतम जैन

13.   हुतात्मा लांसनायक भारत कोंडिबा कांबळे

14.   हुतात्मा लांसनायक एकनाथ चैत्राम खैरणार

15.    हुतात्मा सिपाही संजू सुरेश खंडारे

16.    हुतात्मा सुधाकर भट्ट

17.    हुतात्मा सैनिक सुधीर आमरे

18.   हुतात्मा विनय बाबासाहेब भोजे (जैन)

19.   हुतात्मा दिनकर मारुति नाळे

20.  हुतात्मा रोमित तानाजी चव्हाण

21.   हुतात्मा नंदू नागोराव ताएडे

22.  हुतात्मा सिपाही सूरज लामजे

23.   हुतात्मा नारायण रघुनाथ भोंडे

24.  हुतात्मा सुधीर निकम एवं हुतात्मा सूर्यकांत निकम

25.   हुतात्मा सिपाही विजय सुभाष मोरे

26.  हुतात्मा राजू जगन्नाथ साळवे

27.   हुतात्मा गनर सौरभ फराटे

28.  हुतात्मा सिपाही सचिन संभाजी जाधव

29.  हुतात्मा सिपाही मनोराज शिवाजी सोनवने

30.  हुतात्मा सिपाही दीपक जगन्नाथ  गाडगे

31.   हुतात्मा मेजर कौस्तुभ राणे


सैन्य परिवार सम्मान समारोह के अवसर पर बोलते हुए जैन मुनिश्री 108 अक्षयसागरजी महाराज ने एक दृढ़ संकल्पी जैन धर्मावलंबी
हुतात्मा मोती चंद शाह की जीवन गाथा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उनका जन्म महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के ग्राम करकंब में 1890 में हुआ था। उनके बालमित्र देवचंदजी थे। जो आगे जाकर दिगंबर जैन मुनि बनके प्रसिद्ध जैन तीर्थ बाहुबली (कुंभोज) गुरुकुल के प्रणेता हुए और उनका नाम था मुनि श्री समंतभद्र जी महाराज । दोनों ने बाल्यावस्था में श्री सिद्धक्षेत्र कुंथलगिरि के देशभूषण, कुलभूषण भगवान के चरणों में ब्रह्मचर्यव्रत लिया था। मोतीचंदजी देशभक्तों के चरित्र से बहुत प्रभावित थे और उसी समय सांगली में दक्षिण महाराष्ट्र जैन सभा के अधिवेशन अर्जुनलाल सेठी का राष्ट्रसेवा पर बहुत ही प्रभावशाली व्याख्यान हुआ, उससे प्रेरित होकर मोतीचंद जी देशसेवा कार्य में जुड़ गए थे और स्वाधीनता के आंदोलनों में भाग लेने लगे।

देश के क्रांतिकारियों के लिये धन की जरूरत थी। देशद्रोही धन्नासेठ लोग अंग्रेजों के पिट्ठू बनकर आम जनता को लूट रहे थे।

मोतीचंद जी के साथियों ने तय किया कि ऐसे धन को क्रांतिकारियों तक पहुँचाना है। २० मार्च १९१३ को निमेज (बिहार) में उनके साथियों ने एक सेठ के घर पर धावा बोल दिया। मोतीचंदजी उस सेठ की कोठी के दरवाजे पर पहरा दे रहे थे और उनके साथी धन लूटने के लिए अंदर घुस गए। धन तो मिला लेकिन इस घटना में वह सेठ मारा गया । अंग्रेज सरकार अपने मददगार की मौत से बौखला गई और मोतीचंद व उनके साथियों के पीछे हाथ धोकर पड़ गयी। मोतीचंद गिरफ्तार हो गए, उनको कठोर प्रताड़ना देकर भी अंग्रेज उनके साथियों का नाम नहीं उगलवा सके। बाद में उन्होंने पूरा आरोप अपने सिर पर ले लिया। सेशन कोर्ट में मुकदमा चला और उनको मार्च १९१५ में फांसी की सजा सुना दी गई । 

बेलूर की जेल में फाँसी के पूर्व उनसे अंतिम इच्छा पूछी गई, उन्होंने कहा- "मुझे वीतरागी भगवान की प्रतिमा के दर्शन करवायें और मुझे दिगंबर अवस्था में फाँसी दी जाये।"

ऐसी देशभक्ति की भावना उनके मन में थी। तब फाँसी के पूर्व उनको जिनेंद्र भगवान की प्रतिमा के दर्शन करवाये गए, सामायिक पाठ, समाधिमरण पाठ, तत्वार्थसूत्र, भक्तामर-स्तोत्र व णमोकार महामंत्र का जाप उन्होंने शुरू किया और फाँसी पर चढ़ते समय उनके मुंह से णमोकार महामंत्र का जाप जारी था।

फाँसी के पूर्व उन्होंने जेल में अपने खून से एक पत्र भी लिखा था। कृष्णलाल वर्माजी ने फाँसी से पूर्व उनसे पूछा कि आप देशवासियों से क्या कहना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा था फाँसी पर लटकना ही मेरा संदेश होगा। मुझे फाँसी हुई तो यह जानकर देशभक्त लोग पूछेंगे कि एक निर्दोष को फाँसी क्यों हुई? युवा जागेंगे और कहेंगे कि जब तक इस खून का बदला नहीं ले लेते और देश को स्वतंत्र नहीं करा देते, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। ऐसी प्रतिज्ञा जिस दिन देशवासी कर लेंगे उस दिन मुझे स्वर्ग में भी संतोष प्राप्त होगा।"

मुनिश्री ने आगे महान क्रांतिकारी भगत सिंह को याद किया। बताया कि कैसे उन्होंने लाला लाजपत राय लाटीचार्ज में हुई मृत्यु से क्षुब्ध होकर सेंट्रल हॉल में बहरी गूँगी अंग्रेज सरकार को चेताने के लिए बम फेंका था।

मुनिश्री ने कहा कि समाज के लोगों को बलिदानी सैनिक परिवार के बच्चों को दत्तक लेकर उनकी शिक्षा आदि मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए। 15 अगस्त का दिन जलेबी और बूंदी खाकर पार्टी करने का दिन नहीं है बल्कि इस दिन वीर गति प्राप्त सैनिकों के परिजनों से मिलकर उनका हाल जानना चाहिए। आम नागरिक तो राजनीतिक पार्टियों के अनुसार पक्ष-विपक्ष करते हैं पर हमारे सैनिक ही हैं जो निष्पक्ष रहते हैं और सरकार किसी की भी हो वे सीमाओं पर देश की रक्षा करते हैं।

कार्यक्रम में केंद्रीय समिति के कार्याध्यक्ष श्री दिलीप घेवारे, श्री तरुण काला, श्री पदम सोनी, श्री पंकज जैन एवं श्री जयेश शाह उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वीर जवान फाउंडेशन के अध्यक्ष भूतपूर्व सैनिक श्री सुरेश काकड़े जी व उनके अन्य साथी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
चातुर्मास समिति के अध्यक्ष श्री नलिन शाह, श्री किरीट दोशी, श्री जयेश शाह, श्री प्रदीप पाटनी, श्री विनय पाटनी, श्री गजेंद्र काला, श्री महेंद्र अजमेरा, श्री कमल गंगवाल, श्री प्रशांत शास्त्री, श्री अंकित जैन, श्री नितिन शाह, श्री उर्वेश शाह, श्री ललित जैन, श्री निर्मल अजमेरा, श्री प्रक्षाल शाह, श्री प्रदीप पाटनी, श्री प्रदीप सेठी, श्री प्रफुल्ल शाह, श्री प्रकाश दोशी, श्री उर्वेश शाह, श्रीमती कोमल शाह, श्रीमती रीना दोशी, श्री अजित गाँधी एवं श्री दिनेश दोशी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मुंबई महानगर के विभिन्न उपनगरों से सकल दिगम्बर जैन समाज के 1500 धर्मावलंबी जुटे थे।

31 सैन्य परिवारों का सम्मान जैन समाज के निम्न परिवारों ने किया-

v श्रीमती वीरश्री पाटिल जी परिवार एवं श्रीमती माधुरी शाह  

v  सुश्री रक्षंदा वी. सोनावणे एवं श्री महेंद्र सुराणा  

v श्रीमती नम्रता जैन

v श्री कपिल जैन - सीए

v श्री राकेश कोगटा परिवार

v श्री संतोष काला

v श्रीमती प्रियंका विमल गांधी भायंदर

v इंजी. संदीप गांधी

v श्रीमती मनीषा राजूभाई सोगानी परिवार भिवंडी

v  आशीष बाकलीवाल, बाकलीवाल एंड कंपनी

v श्रीमती सुषमाजी अमरचंद जी जैन भिवंडी

v श्री संजय-श्रीमती ममता सेठी एवं माताजी श्रीमती उर्मिला देवी सेठी

v श्रीमती इन्दिरा जैन, श्री भागचंदजी जैन, मनीष जैन,अंकुश जैन गोरेगॉव

v श्री दिनेश एम. कोटियन

v श्री श्यामसुंदर गोयनका गोयनका ट्रेडिंग

v  श्री एडवोकेट प्रदीप कुमार जैन एवं श्रीमती रीना जैन 

vश्री दिनेश गर्ग, कर सलाहकार

vश्री दिलीप जी घेवारे, श्रीमती नीता घेवारे एवं श्री प्रक्षाल घेवारे

vश्री तरुण काला

v श्री पंकज जैन, श्रीमती पद्मद्मदमा जैन 

v श्री नलिन शाह एवं श्री नितिन शाह

v श्री गजेंद्र काला, श्री महेंद्र अजमेरा, श्री विनय पाटनी एवं कमल गंगवाल

v श्री जयेश शाह गोरेगाँव, श्री पवन जैन हथकरघा

v श्री पदम सोनी, श्री दिनेश गंगवाल

v श्री निर्मल अजमेरा, श्री प्रक्षाल शाह

v श्री प्रदीप पाटनी, श्री प्रदीप सेठी, श्री दुलारेश जैन, श्री प्रशांत शास्त्री

v श्री प्रफुल्ल शाह, श्री ललित जैन, श्री प्रकाश दोशी, श्री जयेश शाह

v श्री उर्वेश शाह, श्रीमती कोमल शाह, श्रीमती रीना दोशी

v श्री अजित गाँधी, श्री दिनेश दोशी, श्री अंकित जैन

v  श्री किरीट दोशी- श्रीमती सोनिया दोशी


कार्यक्रम में जैन समाज की प्रथम पर्वतारोही याशी जैन को भी सम्मानित किया गया, याशी जैन ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर समाज और देश का नाम गौरव से ऊँचा किया है। कार्यक्रम का संचालन विधि जैन (आकाशवाणी) ने किया।

ठाणे के खासदार राजन विचारे, मीरा भायंदर महानगर की आमदार श्रीमती गीता जैन एवम् विभिन्न क्षेत्रों से ख्यातिप्राप्त व्यक्तित्व इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के साक्षी बने

चित्रमय झलकियाँ-




















 

श्री दिगंबर जैन चातुर्मास समिति, मुंबई

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