अनुवाद

मंगलवार, 7 जनवरी 2014

अगला सीईओ कौन होगा?

एक बूढ़े हो रहे सफल व्यवसायी ने सोचा कि यही सही समय है जब मैं अपना उत्तराधिकारी चुन लूँ जो उसकी कंपनी को संभल सके.

उसने अपने बच्चों या फिर कंपनी के वर्तमान निदेशकों को चुनने के बजाय कुछ अलग करने का मन बनाया.  उसने कम्पनी के सभी युवा अधिकारियों को एक साथ बोर्ड रूम में बुलाया. उसने कहा 'अब समय आ गया है जब मैं अपनी कुर्सी छोड़ दूं और कंपनी के अगले  मुख्य कार्याधिकारी का चुनाव करूँ. मैंने तय किया है कि अगला सीईओ आप में से ही कोई होगा.'
सभी युवा अधिकारी विस्मय में थे पर वो बोलता रहा. 

आज मैं आप में से प्रत्येक को बहुत ही विशेष बीज देने वाला हूँ मैं चाहता हूँ कि आप इस बीज को बोएँ और उसे पानी दें और एक वर्ष के पश्चात् यहाँ आकार मुझसे मिलें और बताएं कि मेरे दिए बीज से आपने क्या पैदा किया है?  उसके बाद मैं  आपके द्वारा उगाए हुए पौधों का निरीक्षण करूँगा और जिसे चुनूंगा वह इस कम्पनी का अगला सीईओ होगा.

उस दिन वहां पर एक व्यक्ति, जिसका नाम मधु था, भी उपस्थित था. उसे भी एक बीज प्राप्त हुआ. वह घर पहुंचा और अपनी प्रिय पत्नी को आश्चर्य से भरी यह सारी कहानी सुना दी. उसकी पत्नी ने उसके लिए एक गमला, मिटटी और खाद की व्यवस्था कर दी और मधु ने उसमें  अपना बीज डाल दिया. प्रतिदिन वो उसे पानी देने लगा और देखता कि गमले से कोई पौधा उग रहा है या नहीं. 

लगभग तीन सप्ताह के बाद दफ्तर में अन्य अधिकारी अपने बीज और उन से उग रहे पौधों की चर्चा करने लगे.

मधु अपने गमले को  जांचता रहता  पर कुछ भी पैदा नहीं हुआ.  ऐसे ही दिन बीतते गए और कुछ भी नहीं हुआ.

अब तक तो बाकी सब अपने हर दिन बढ़ रहे पौधों की बातें बड़े चाव ले ले कर करते, पर मधु के पास न तो कोई पौधा था न उसकी कोई बात, उसे लगता कि वो असफल हो गया है, उसकी किस्मत ही फूटी है..

इस तरह ६ महीने और बीत गए. मधु के गमले में कुछ भी नहीं उगा. वह परेशान था उसे लगता जैसे उसने ही बीज को मार डाला हो. हर किसी के पास बड़े- बड़े पौधे थे जो वृक्ष बनने की ओर अग्रसर थे, पर उसके पास तो सिर्फ खली गमला था, जिसमे वो इस आशा के साथ हर दिन पानी डालता रहता था कि शायद कभी उसमें से भी कोई अंकुर फूट पड़ेगा. और इस तरह पूरा एक वर्ष व्यतीत हो गया. 
 
और सभी अधिकारी अपने अपने पौधे  निरीक्षण के लिए कम्पनी के मालिक के पास लेकर आ गए.

दूसरी ओर, मधु अपनी पत्नी को कह रहा था कि वह खाली गमला लेकर दफ्तर नहीं जाएगा. पर उसकी पत्नी इस बात पर अड़ गयी कि उसे ईमानदारी से अपनी बात रखनी चाहिए कि उसके बीज का क्या हुआ. वह काफी डर गया था कि  उसे अपने जीवन में पहली बार इतनी बड़ी शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी पर वह जानता था  कि उसकी पत्नी सही है.

वह अपना खाली गमला लेकर कम्पनी के बोर्ड रूम पहुँच गया.

जब मधु वहां पहुंचा तो वहां का नज़ारा देख कर चकरा गयाअन्य अधिकारियों के लाये हुए अलग - अलग किस्म के सुन्दर सुन्दर पौधे देख कर वह आश्चर्यचकित हो गया. मधु ने अपना खाली गमला ज़मीन पे रख दिया, कुछ लोग उस पर जोर से हँस पड़े तो कुछ ने खेद व्यक्त किया !

कम्पनी का मालिक  वहां आ पहुंचा और उसने अपनी युवा टीम का अभिवादन किया.  मधु ने अपने आप को छुपाने की भरसक कोशिश की.

सीईओ ने बोलना आरम्भ किया ' आप सब ने कितने शानदार पौधे और फूल उगाये हैं. आज आप में से किसी एक को अगले सीईओ के रूप में नियुक्त किया जायेगा! 

अचानक से सीईओ ने देखा कि मधु कमरे में अपने खाली गमले के साथ छुपने की कोशिश कर रहा है. उसने वित्तीय निदेशक को कहा कि वह उसे सबके सामने लेकर आये.

मधु बुरी तरह घबरा गया!

उसने सोचा ' सीईओ जानते हैं कि मैं नाकामयाब रहा हूँ! शायद वो मुझे नौकरी से ही निकल देंगे! 

जैसे ही मधु सामने आया सीईओ ने उससे पूछा कि वह सबको बताये कि उसके बीज के साथ क्या हुआ- मधु ने उसको पूरी कहानी कह सुनायी.

सीईओ ने मधु को छोड़कर सबको बैठ जाने को कहा. उसने मधु की ओर देखा और अपनी युवा टीम को घोषणा करते हुए कहा  कि  ‘ मिलिए अपने अगले सीईओ से, उनका नाम है 'मधु'.’

मधु को बिल्कुल भी विश्वास  नहीं हुआ. मधु तो अपने बीज को उगा भी नहीं पाया था.

इसे नया सीईओ कैसे बनाया जा सकता है? सब बोल पड़े.

तब कम्पनी के मालिक ने कहा, ' आज से ठीक एक वर्ष पहले मैंने आप में से प्रत्येक को इस कक्ष में एक-एक बीज दिया था. मैंने सबको वह बीज अपने-२ घर ले जा कर उसे लगाने और आज के दिन वापस लाने को भी कहा था. 
क्या आपको पाता है ?
मैंने आप सब को उबाले हुए बीज दिए थे, वे सब बेकार हो चुके बीज थे - उनमें से पौधों का अंकुरण असंभव था.   मधु को छोड़कर आप सब मेरे पास इतने शानदार पेड़- पौधे लेकर आये. घोर आश्चर्य !
जब आपको पता चला कि जो बीज मैंने आपको दिया था, उसमें अंकुर नहीं फूटेगा तो आप सबने अपनी चालाकी दिखाई और  अपने बीज ही बदल लिए.  केवल मधु  ही इतना साहसी और ईमानदार था कि वह खाली गमला लेकर आ गया, जिसमें मेरा दिया हुआ बीज डाला गया था.  इसीलिए वही एक व्यक्ति है जो नया सीईओ बनाने के योग्य है. 
 कहानी का सार:
Ø यदि आप ईमानदारी के बीज बोएँगे तो विश्वास की फसल पैदा होगी
Ø यदि आप अच्छाई के बीज बोएँगे तो लोग आपके दोस्त बनते जाएँगे 
Ø यदि आप विनम्रता  के बीज डालेंगे तो आप महान बनेंगे
Ø यदि आप दृढ़ता के बीज बोएँगे तो संतोष  की फसल पैदा होगी
Ø यदि आप मेहनत  के बीज बोएँगे तो सफलता विश्वास की फसल पैदा होगी
Ø यदि आप क्षमा  के बीज बोएँगे तो सामंजस्य की फसल पैदा होगी

तो ध्यान रखें आप जैसे बीज बोएँगे वैसी ही फसल आएगी.
एक कहावत भी है ' जो बीज बबूल के बोए वो आम कहाँ से पाए'


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