अनुवाद

शुक्रवार, 2 जनवरी 2015

योजना आयोग का नया नाम: राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान या फिर राष्ट्रीय भारत रूपान्तरण संस्थान

कल १ जनवरी २०१५ को भारत सरकार ने योजना आयोग के स्थान पर एक नए संस्थान का गठन किया है जिसका नाम 'नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रान्सफॉर्मिंग इण्डिया' [National Institution for Transforming India]' रखा गया है।  जिसे नीति आयोग भी कहा जा सकेगा ऐसा समाचार -पत्रों से ज्ञात हुआ। इसी मूल अंग्रेजी नाम में प्रयुक्त अंग्रेजी शब्दों के प्रथमाक्षरों से NITI शब्द लिया गया है, जैसा कि भारत में सर्वव्यापी परंपरा है कि राष्ट्रीय/निजी संस्थानों /व्यापारिक घरानों के नाम मूल रूप से अंग्रेजी में ही रखे जाते हैं सो इस संस्थान के नामकरण में भी उसी परतंत्र मानसिकतावादी अवधारणा को आगे बढ़ाया गया है, नया कुछ भी नहीं है। अब तक इस देश में मैकाले के संकल्प को डिगाने वाला व्यक्ति शासक नहीं बन सका है इसलिए हमारे संस्कारों में, विचारों में मैकाले की छाप बहुत अमिट हो चुकी है, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी और गहराती जा रही है। हम आज भी विश्व को अपने देश का नाम 'भारत' नहीं बता सकते हैं जो कि इस देश का मूल और सार्वभौमिक नाम था। विश्व हमें इण्डिया के नाम से ही जानता है जो अंग्रेजों ने दिया था. पर मैं ये सब बातें क्यों कर रहा हूँ यह सभी बातें तो स्वतंत्रता के ६७ वर्षों से चल रही हैं और आशा है आगे भी चलती रहेंगी। मैकाले का संकल्प इतना सुदृढ़ था कि उसे भारत कभी भी हिला नहीं सकेगा, भाषाओं और संस्कृति के नाम पर रोना-गाना भले ही निरंतर चलता रहे। 

हाँ तो हम बात कर रहे थे 'नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रान्सफॉर्मिंग इण्डिया'। भारत सरकार की राजभाषा #हिन्दी केवल अनुवाद की भाषा बन कर रह गई है। विश्व में #हिन्दी ही एक ऐसी राजभाषा है जिसका प्रयोग सरकार के अंग्रेजी में किए गए मूल कामकाज के अनुवाद के लिए किया जाता है अर्थात देश की अघोषित राजभाषा तो अंग्रेजी है पर जब कुछ लोग हो-हल्ला करें तो अंग्रेजी में किए गए कामकाज का अनुवाद हिन्दी में कर दिया जाता है।

'नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रान्सफॉर्मिंग इण्डिया' का भी अनुवाद किया गया है और पत्र-सूचना कार्यालय की वेबसाइट पर 'राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान' बताया गया है। कुछ हिन्दी (हिंग्लिश?) समाचार पत्रों ने इसका संस्थान का नाम "भारत परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय संस्था" लिखा है, कुछ अति-आधुनिक हिंदी अख़बारों ने तो National Institution for Transforming India ही लिखा है अर्थात सरकार ने अपनी विज्ञप्ति में हिन्दी नाम का खुलासा नहीं किया होगा (यह मेरा अनुमान है) और इसलिए सभी स्वतंत्र हैं इस संस्थान के नाम का अनुवाद अपने तरीके से करने के लिए। 

अब आप ही बताएँ कि क्या यह अनुवाद सही है? क्या सचमुच उस बैठक में इस संस्थान के अनूदित #हिन्दी नाम पर चर्चा हुई होगी? मेरे विचार में वहाँ इस तरह की कोई चर्चा नहीं हुई होगी। वैसे भी सरकारी अधिकारी हिन्दी में बैठकें करने लगे तो उनकी शिक्षा का अपमान ना हो जाएगा। भारत यदि हुई होती तो एक दिन में ही इतने नाम प्रकट ना होते। तो एक बात तो निश्चित हुई कि हिन्दी भारत की आधिकारिक अनुवाद भाषा तो है पर किसी शब्द का आधिकारिक अनुवाद क्या हो, इसका निर्णय ६७ वर्षों बाद भी नहीं हो पाया है। 

एक संस्थान के नाम के लिए 'ट्रान्सफॉर्मिंग' शब्द का अनुवाद 'परिवर्तन' हो सकता है यह बात मुझ से अभी भी नहीं पच रही है। चूँकि भारत सरकार ने कोई आधिकारिक अनूदित #हिन्दी नाम जारी नहीं किया है इसलिए मेरे अनुसार इसका अनूदित नाम 'राष्ट्रीय भारत रूपान्तरण संस्थान' होना चाहिए। एक ऐसा संस्थान जो पूरे देश का रूपांतरण कर दे, मूल भावना  शायद यही रही होगी। मैं भी भारत का नागरिक हूँ और भारत की आधिकारिक अनुवाद भाषा का प्रयोग करने लिए स्वतंत्र हूँ जैसा कि भारत सरकार के कार्यालयों में बैठे अनुवादकगण अपने हिसाब से अनुवाद करने के लिए स्वतंत्र हैं। 

- प्रवीण जैन 

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