अनुवाद

शनिवार, 20 अप्रैल 2013

अश्लीलता परोसने वाले अख़बारो : शर्म करो शर्म करो

अरे अखबार वालो! शर्म करो ! वेबसाइट को काला करने कुछ नहीं होने वाला अपना काला दिमाग साफ़ करो और ज़रा भी महिलाओं के प्रति सम्मान रखते हो तो वेबसाइट से अश्लील खबरें और अश्लील तस्वीरें हटा दो.

हिट्स बढ़ाने के लिए गंदगी परोसना बंद करो. महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों के लिए तुम जैसे मीडिया वाले ही उत्तरदायी हैं. मुंह में राम बगल में छुरी. 

सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगेगी तो जल्दी अकल ठिकाने आयेगी उससे पहले सुधर जाओ. तुम लोगों का ये दोगुलापन ज्यादा दिन नहीं चलेगा. 
आप इन चित्रों को देखकर ही अनुमान लगा सकते हैं कि ये समाज को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं:
इन समाचार वेबसाइटों को पॉर्न वेबसाइट कहना ज्यादा उचित होगा :
दुर्भाग्य वश  देश में कोई भी ऐसी सरकारी एजेंसी नहीं जो इस अश्लीलता पर रोक लगाये.