अनुवाद

बुधवार, 12 फ़रवरी 2014

हिन्दी फिल्मों में फिल्म का नाम भी हिंदी में नहीं लिखा जाता !!


प्रति,
श्री मनीष तिवारी,
सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री, 
सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय, (सूप्रम) 
भारत सरकार
नई  दिल्ली 

विषय: भारत में फिल्म-टीवी पर नाम-शीर्षक में प्रविष्टियों (कैप्शन) की भाषा सम्बन्धी नियम बनाए जाने का निवेदन

माननीय महोदय,

सबसे पहले मैं आपका बहुत आभारी हूँ कि आपने मेरे निवेदन पर 'भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह' (इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ इण्डिया) के आयोजन में हिंदी के प्रयोग को सुनिश्चित करने हेतु सम्बंधित अधिकारी को निर्देश जारी किए.

आज मैं एक अन्य बात रखना चाहता हूँ, पूरे विश्व में अलग-२ भाषाओं की फ़िल्में, वृत्तचित्र, टीवी कार्यक्रम, समाचार बुलेतिन, धारावाहिक बनते और प्रसारित होते हैं, इन सभी में प्रदर्शन/प्रसारण के आरंभ और अंत एवं उसके दौरान कई बातें/नाम/शीर्षक आदि विवरण स्क्रीन/परदे पर दिखाई देते हैं. भारत को छोड़कर अन्य देशों में यह सारे विवरण-प्रविष्टियाँ उनकी अपनी भाषा में होती हैं. 

हमारे देश में इस सम्बन्ध में कोई स्पष्ट नियम शायद नहीं है इसलिए विशेषरूप से हिंदी फिल्मों/ धारावाहिकों में ऐसा सारा विवरण केवल अंग्रेजी में प्रदर्शित किया जाता है और हिंदी (देवनागरी लिपि) में कुछ भी नहीं लिखा होता, यहाँ तक की फिल्म अथवा धारावाहिक का नाम भी हिंदी में नहीं लिखा जाता, उसे रोमन में लिखा जाता है.

हिंदी फिल्म अथवा धारावाहिक के सारे विवरण-प्रविष्टियाँ, शीर्षक आदि हिंदी में लिखे जाएँगे तो किसी को इसमें आपत्ति नहीं हो सकती, अलबत्ता देश के सुदूर अंचलों के लोगों को भी बहुत सी बातें पढने में आ जाएंगी जो वे अभी पढ़ नहीं पाते. मैं यहाँ अंग्रेजी में विवरण-शीर्षक लिखे जाने का विरोध नहीं कर रहा, यह तो फिल्म-टीवी धारावाहिक के लोगों की मर्जी है पर दर्शकों के हित में तो यही होगा कि हिंदी फिल्म हो तो साड़ी जानकारी स्क्रीन/परदे पर हिंदी में भी प्रदर्शित की जाए, अंग्रेजी का प्रयोग फिल्म वाले करते रहें तो किसी को आपत्ति नहीं होगी पर हिंदी फिल्म और हिंदी धारावाहिक में हिंदी में विवरण दिया जाना अनिवार्य होना चाहिए.

कुछ समय से कुछ हिंदी चैनलों ने सारे विवरण-शीर्षक हिंदी में लिखना शुरू भी किया है जो अच्छी पहल है पर यह नियम सभी भारतीय निजी एवं सरकारी चैनलों पर लागू होना चाहिये.

आपसे अनुरोध है कि आप इस सम्बन्ध में मंत्रालय से नियम-निर्देश जारी करवाएं:

क] भारत में प्रदर्शित होने वाली फिल्मों एवं उनकी झलकियाँ [प्रोमोज़] के नाम/शीर्षक एवं फिल्म/प्रोमोज़  के आरम्भ और अंत में (कलाकारों/गायकों के नाम/फिल्म निर्माण टीम आदि के नाम) जो कुछ भी स्क्रीन पर लिखा हुआ दिखाई देता है, इस सम्बन्ध में कोई स्पष्ट नियम नहीं है. जैसे ऐसे शीर्षक/नाम एवं अन्य विवरण किस भाषा और लिपि में प्रदर्शित किए जाने चाहिए

सुझाव: सूप्रम अविलम्ब ऐसा नियम बनाए कि भारत में प्रदर्शित/उद्घाटित/रिलीज़ होने वाली फ़िल्में जिस भाषा की होंगी उसके नाम /शीर्षक और फिल्म के आरम्भअंत और फिल्म के दौरान एवं /उनके प्रोमोज़ में जो कुछ भी स्क्रीन पर लिखा हुआ दिखाई देता हैवह उसी भाषा में लिखा/टाइप किया होना अनिवार्य होगा जिस भाषा की वह फिल्म है. जैसे गुजराती अथवा तमिल भाषा की फिल्म में स्क्रीन पर लिखा हुआ सबकुछ गुजराती और तमिल में हो. यदि तमिल फिल्म का नाम अंग्रेजी में है तो भी उसे तमिल की लिपि में प्रदर्शित किया जाना अनिवार्य किया जाना चाहिए. फिल्म निर्माता फिल्म की मूल भाषा से इतर अन्य किसी भी वैकल्पिक भाषा प्रयोग करना चाहे तो करे परन्तु जिस भाषा की फिल्म है उसके सभी विवरण/शीर्षक (कैप्शन/टाइटल्स) उसी भाषा में लिखना अनिवार्य किया जाए.

ख] भारत में प्रदर्शित होने वाली सभी फिल्मों/वृत्तचित्र/धारावाहिक/टीवी शो/ कार्यक्रमों के पोस्टर/सीडी एवं कैसेट के आवरण/वेबसाइट आदि किस भाषा में बनाये जाने चाहिएस सम्बन्ध में कोई स्पष्ट नियम नहीं है. 

सुझाव: जैसे गुजराती अथवा तमिल भाषा की फिल्म के पोस्टर एवं सीडी/कैसेट के आवरण/वेबसाइट आदि में गुजराती और तमिल प्रयोग करना अनिवार्य किया जाए. फिल्म निर्माता फिल्म की मूल भाषा से इतर अन्य कोई वैकल्पिक भाषा का प्रयोग करना चाहे तो करे परन्तु जिस भाषा की फिल्म है उसका प्रयोग और उसको प्राथमिकता देना अनिवार्य किया जाए.

ग]  भारत सरकार द्वारा मान्य/पंजीकृत सभी निजी एवं सरकारी टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाले सभी वृत्तचित्र/धारावाहिक/टीवी शो/ कार्यक्रमों/ समाचार अंकों (बुलेटिनों) के नाम/शीर्षक एवं कार्यक्रम आदि के आरम्भ और अंत में (कलाकारों/गायकों के नाम/कार्यक्रम निर्माण टीम आदि के नाम आदि सभी कैप्शन) जो कुछ भी स्क्रीन पर लिखा हुआ दिखाई देता हैस सम्बन्ध में कोई स्पष्ट नियम नहीं है. जैसे ऐसे शीर्षक/नाम एवं अन्य विवरण किस भाषा और लिपि में प्रदर्शित किए जाने चाहिए?

सुझाव: जैसे गुजराती अथवा तमिल भाषा के सभी वृत्तचित्र/धारावाहिक/टीवी शो/ कार्यक्रमों/ समाचार अंकों (बुलेटिनों) के नाम/शीर्षक एवं कार्यक्रम आदि के आरम्भ और अंत में (कलाकारों/गायकों के नाम/कार्यक्रम निर्माण टीम आदि के नाम) जो कुछ भी स्क्रीन पर दिखाई देता है उसमें गुजराती और तमिल प्रयोग करना अनिवार्य किया जाए. वृत्तचित्र/धारावाहिक/टीवी शो/ कार्यक्रमों/ समाचार अंकों (बुलेटिनों)के निर्माता मूल भाषा से इतर अन्य कोई वैकल्पिक भाषा का प्रयोग करना चाहे तो करे परन्तु जिस भाषा का वृत्तचित्र/धारावाहिक/टीवी शो/ कार्यक्रमों/ समाचार अंक (बुलेटिन) है उसका प्रयोग और उसको प्राथमिकता देना अनिवार्य किया जाए.

आपके द्वारा शीघ्र कार्यवाही की अपेक्षा करता हूँ.

निवेदक: