अनुवाद

गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014

मुंबई मोनोरेल के संचालन में यात्रियों की भाषा को प्राथमिकता मिले

प्रति,
मुख्यमंत्री महोदय 
महाराष्ट्र शासन 
मंत्रालय, मुंबई 

विषय: मुंबई मोनोरेल एवं मुंबई मेट्रो में राष्ट्रभाषा 'हिन्दी' का प्रयोग किए जाने हेतु अनुरोध 

महोदय,


भारत की राजभाषा हिन्दी है तथा महाराष्ट्र की राजभाषा मराठी है दोनों भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैभारत में लगभग तीन प्रतिशत लोग अंग्रेजी जानते हैं और सत्तानवे प्रतिशत लोग अंग्रेजी नहीं जानते हैं. मुंबई एवं महाराष्ट्र के निवासियों के लिए हिन्दी मौसी जैसी है और यहाँ के अधिकांश लोग हिन्दी का अच्छा कार्यसाधक ज्ञान रखते हैं.

इन तथ्यों से पता चलता है कि अंग्रेजी थोपने की बजाए उन्हें उनकी भाषा में  एवं हिन्दी भाषा में जानकारी दी जानी चाहिए. महाराष्ट्र में बसों में और अन्य सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी को वरीयता के साथ प्रयोग किया जा रहा है, राष्ट्रभाषा की उपेक्षा करके देश की आर्थिक राजधानी में अंग्रेजी का प्रयोग उचित नहीं है, कई मामलों में मराठी का प्रयोग भी नहीं किया जाता है और नागरिकों पर अंग्रेजी थोपी जा रही है.  राज्य में अंग्रेजी का प्रयोग निरंतर बढ़ाया जा रहा है.


सरकार को आम जनता एवं भारत की मुंबई आने वाली जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इन सड़कों और मार्गों के नाम-पटों में हिन्दी को अंग्रेजी से पहले स्थान देना चाहिए क्योंकि मुंबई केवल महाराष्ट्र की राजधानी ही नहीं भारत की आर्थिक राजधानी है और यहाँ सम्पूर्ण भारत के लोग आते हैं. मुंबई में हिंदी के साथ सौतेला व्यवहार अनुचित है.

अनुरोध:

  1. सड़कों पर लगे ये मार्ग निर्देश पट्ट (रोड साइन बोर्ड) भारत के अन्य राज्यों के वाहन चालकों के लिए मराठी देवनागरी में लिखे होने से पढ़ने में तो एकदम आसान होते हैं पर वे इन्हें समझ नहीं पाते हैं इसलिए इनमें मराठी के ठीक बाद हिन्दी का प्रयोग सुनिश्चित किया जाए. इससे देश के अन्य भागों से आने वाले लोगों को बहुत आसानी होगी.
  2. उपनगरीय (लोकल) की तरह मुंबई मोनोरेल एवं मुंबई मेट्रो में सभी दिशा-निर्देश, स्टेशनों के नाम एवं नाम-पट आदि राष्ट्रभाषा हिन्दी में लगवाए जाएँ. इससे देश के अन्य भागों से आने वाले लोगों को बहुत आसानी होगी.
  3. मुंबई मोनोरेल  की गाड़ियों में बाहरी तरफ अंग्रेजी में लिखे Mumbai Mono Rail के स्थान पर देवनागरी लिपि में लिखा जाए. देवनागरी हमारी पहचान है. इसी तरह जब मेट्रो चालू हो उसपर भी देवनागरी का प्रयोग सुनिश्चित किया जाए.
  4. महाराष्ट्र, विशेषकर मुंबई में लगे सरकारी कार्यालयों के नाम पट्ट मराठी में लगाए गए हैं जो बहुत अच्छी बात है पर उनमें राष्ट्रभाषा की अनदेखी करके अंग्रेजी को स्थान दिया गया है जो अनुचित है, सरकार यदि हिंदी का प्रयोग नहीं कर सकती है तो उसे अंग्रेजी का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए.

इस सम्बन्ध में की गई कार्यवाही से मुझे अवगत करवाया जाएऐसी मेरी प्रार्थना है.