१०वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के आधिकारिक जालस्थल की समीक्षा
१७ मई २०१५.
१७ मई २०१५.
भोपाल में १०-१२ को होने जा रहे १० वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के आधिकारिक जालस्थल का शुभारम्भ कल भारत की विदेश एवं प्रवासी भारतीय कार्य मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने किया उन्होंने सम्मेलन के शुभंकर का भी लोकार्पण किया.
जालस्थल को देखकर मुझे प्रसन्नता हुई कि पहला सरकारी जालस्थल है जिसे पूरी तरह से नियमानुसार द्विभाषी रूप में बनाया गया है और इस पर हिन्दी को प्राथमिकता दी गयी है. वैसे संविधान के अनुसार भारत की राजभाषा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए पर विश्व हिन्दी सम्मेलन को आयोजित करने वाले 'विदेश मंत्रालय' की मुख्य वेबसाइट भी द्विभाषी नहीं है और न ही हिन्दी को प्राथमिकता दी गयी है. विदेश मंत्रालय की मुख्य वेबसाइट पूर्व निर्धारित रूप से अंग्रेजी में ही खुलती है. हम हिन्दी को विश्व भाषा बनाना चाहते हैं पर अपने देश में ही उसे उसका स्थान दिलाने के लिए तैयार नहीं हैं. अब तक हुए पिछले नौ विश्व हिन्दी सम्मेलनों में क्या-२ प्रस्ताव पारित किए गए और उन पर कितना अमल किया गया, यह शोध का विषय है, चर्चा का विषय है. मेरा सुझाव यही है कि १०वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के कार्यक्रम में एक पूरा सत्र पिछले सम्मेलनों की समीक्षा पर खर्च किया जाना चाहिए ताकि जिन उद्देश्यों के लिए यह विश्व हिन्दी सम्मेलन किए जा रहे हैं, उनकी प्राप्ति की दिशा में कुछ ठोस कार्य शुरू हो सके.
हाँ तो मैं बात कर रहा था, १०वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के आधिकारिक जालस्थल की. अब मैंने इसके सभी भाग देख लिए हैं और इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि इस जालस्थल की तैयारी बहुत हड़बड़ी में की गयी, क्या हिन्दी के लिए होने वाले एक विश्व स्तरीय सम्मेलन की वेबसाइट ऐसे बनाई जाती है जिसमें गलत हिन्दी (गलत वाक्य और गलत वर्तनी), गूगल से अनुदित हिन्दी, ऑनलाइन सेवाओं में हिन्दी नदारद, स्वागत सन्देश मुखपृष्ठ पर केवल अंग्रेजी में हो?
अब जिसने यह वेबसाइट बनायी है और जिसने लोकार्पण से पूर्व इस वेबसाइट की सामग्री की जाँच की है उसके हिन्दी ज्ञान पर तरस आता है, ऐसी लापरवाही किसलिए और क्यों?
मुखपृष्ठ की स्पष्ट त्रुटियाँ:
गलत वाक्य:आओ और 10 वीं विश्व हिंदी सम्मेलन में शामिल हों
सही वाक्य : आएँ और १०वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में सम्मिलित हों
गलत वाक्यांश : 10th विश्व हिन्दी सम्मेलन सही शब्दावली : १०वाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन
- पूछे जाने वाले प्रश्न: सामान्य प्रश्न अथवा सामान्य प्रश्नोत्तर
- हैंडबुक : हस्तपुस्तिका
- साथी राज्य: सहयोगी राज्य
- फोटो गैलरी : चित्र दीर्घा
- एयरपोर्ट: विमानतल अथवा हवाई अड्डा
- ऑनलाईन : ऑनलाइन
- डिस्क्लेमर: अस्वीकरण
- गलत: मुलाकाती, सही : आगंतुक संख्या: 470
= सन्देश पर क्लिक करने पर नया पृष्ठ खुलता और लिखा आता है (इसका क्या आशय है)
श्री नरेन्द्र मोदी जल्द ही आ रहा ( "है" नहीं लगाया है और यहाँ भी वाक्य अधूरा है)
जबकि लिखना चाहिए 'श्री नरेंद्र मोदी जी का सन्देश शीघ्र प्रकाश्य"
अब 'कमिंग सून' का अनुवाद तो ' जल्द ही आ रहा' की करना पड़ेगा. मौलिक रूप से लिखा जा सकता है तो अनुवाद की आवश्यकता क्यों? हिन्दी सम्मेलन की वेबसाइट भी अनुवाद के द्वारा क्यों बनायी जा रही है? इसी तरह 'रीड मोर' का अनुवाद 'अधिक पढ़ें' लिखा है जबकि सही मौलिक वाक्यांश'आगे पढ़ें' होना चाहिए, अनुवाद के दम हिन्दी ज्यादा दूर कैसे जाएगी? विश्व हिन्दी सम्मेलन की वेबसाइट भी मौलिक रूप से हिन्दी में नहीं बल्कि अंग्रेजी का अनुवाद करके बनेगी तो इसके मायने आप लगा सकते हैं.
= "गोपनीयता नीति' पर क्लिक करने पर "हमारी नीति" पृष्ठ खुल जाता है. वेबसाइटों के सम्बन्ध में गोपनीयता के बजाय 'निजता' शब्द सर्वमान्य है "हाइपर लिंकिंग नीति एवं प्रतिलिप्यधिकार नीति" पृष्ठ खुल जाता है. "मदद" पर क्लिक करने पर पृष्ठ केवल अंग्रेजी में खुलता है.
= गलत वाक्य: विदेशी प्रतिभागियों के लिए वीज़ा यदि आवश्यक हो तो, प्राप्त करने संबंधी कार्रवाई स्वयं करेंगे।
सही वाक्य: यदि आवश्यक हो तो विदेशी प्रतिभागी वीज़ा प्राप्त करने की कार्यवाही स्वयं करें.
= गलत वाक्य: भारतीय दूतावास/कोंसलावास में वीज़ा आवेदन जमा करते समय सम्मेलन की पुष्टिकृत पंजीकरण कि आवश्यकता होगी।
सही वाक्य : भारतीय दूतावास/कोंसलावास में वीज़ा आवेदन जमा करते समय, प्रतिभागी का सम्मेलन के लिए सुनिश्चित पंजीकरण होना आवश्यक है.
= मुखपृष्ठ पर ही "अन्य कड़ियाँ" में दो कड़ियाँ दी गयी हैं और दोनों ही काम नहीं कर रही हैं. इसी प्रकार 'भारत के राष्ट्रीय पोर्टल' एवं विदेश मंत्रालय के पोर्टल के बैनर केवल अंग्रेजी में प्रदर्शित हैं और उन पर क्लिक करने पर 'अंग्रेजी पोर्टल' ही खुलते हैं अर्थात इन दोनों बैनर पर हिन्दी पोर्टलों को लिंक नहीं किया गया है.
= गलत: पिछला अद्यतनीकृत, सही वाक्यांश : अंतिम बार अद्यतित : 16/5/2015
= गलत वाक्य: विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के स्वामित्व वाली कॉपीराइट
सही वाक्य: कॉपीराइट विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के स्वामित्व में
विशेष: वेबसाइट का डोमेन नेम 'देवनागरी' में भी पंजीकृत करवाएँ एवं उसका भी प्रचार करें.
आशा है आप शीघ्र ही इन गलतियों को ठीक करवाने निर्देश जारी करेंगे ताकि इस कार्य में जो मैंने अपने समय और ऊर्जा का निवेश किया है वह व्यर्थ ना जाए. आपके द्वारा शीघ्र कार्यवाही एवं पत्रोत्तर की आशा रखता हूँ.
मुखपृष्ठ के चार चित्र संलग्न हैं जिनमें उपर्युक्त सभी त्रुटियों को लाल रंग से रेखांकित किया गया है.
सेवा में,
श्री मृदुल कुमार,
संयुक्त सचिव (खाड़ी, हिन्दी व संस्कृत)
कमरा सं. 80, साउथ ब्लाक, विदेश मंत्रालय,
दूरभाष: 011-2301 3161
फैक्स: 011-23794138
ई-मेल: jshindi@mea.gov.in
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