१. राष्ट्रपति
भवन की जो ऑनलाइन सेवाएँ केवल अंग्रेजी में हैं उनका इस्तेमाल करने के लिए भारत के
अंग्रेजी ना जानने वाले लगभग 110 करोड़ नागरिकों के लिए राष्ट्रपति सचिवालय ने क्या
व्यवस्था की है? भारतीय भाषाभाषी नागरिकों को इन सेवाओं का इस्तेमाल करने के लिए राष्ट्रपति
सचिवालय में किस व्यक्ति से संपर्क करना चाहिए?
२. राष्ट्रपति
भवन का भ्रमण करने के लिए ऑनलाइन आरक्षण की ऑनलाइन व्यवस्था राजभाषा हिन्दी में उपलब्ध
नहीं है जबकि 2 जुलाई 2008 को राष्ट्रपति जी ने स्वयं आदेश जारी किया था कि भारत
सरकार की समस्त वेबसाइटें 100% द्विभाषी होनी चाहिए ?
३. राष्ट्रपति
जी के आधिकारिक ट्विटर/फेसबुक/यूट्यूब खातों पर समस्त जानकारी केवल अंग्रेजी में
डाली जाती है जिसे देश के 90% नागरिक पढ़ भी नहीं सकते हैं तो क्या राष्ट्रपति जी
केवल अंग्रेजी जानने वाली जनता से ही संवाद करना चाहते हैं, हम जैसी अंग्रेजी ना
जानने वाली जनता को उनके सचिवालय की गतिविधियों को जानने का कोई अधिकार नहीं है?
४. क्या
राष्ट्रपति जी के आधिकारिक ट्विटर/फेसबुक/यूट्यूब खातों पर राजभाषा हिन्दी में
जानकारी डालने के लिए संबंधित अधिकारी को कोई निर्देश नहीं दिया गया है?
५. राष्ट्रपति
जी के आधिकारिक ट्विटर/फेसबुक/यूट्यूब खातों पर केवल अंग्रेजी में जानकारी डालने
के लिए नियुक्त अधिकारी/अधिकारियों के नाम /पदनाम/ईमेल पते प्रदान करें ताकि मैं
उनसे प्रार्थना कर सकूँ कि महोदय, अंग्रेजी भारत की भाषा नहीं है और इस देश 95% जनता
इस इस विदेशी भाषा को नहीं जानती है इसलिए राष्ट्रपति जी के ट्विटर/फेसबुक/यूट्यूब
पर नवीनतम जानकारी हिन्दी-अंग्रेजी दोनों भाषाओं में भी डालते रहें ताकि मुझ जैसे
अंग्रेजी ना जानने वाले देश के करोड़ों लोग भी राष्ट्रपति जी के बारे में नवीनतम
सूचनाएँ प्राप्त करे सकें? (इज़रायल सरकार, फ़्रांस सरकार, जर्मन सरकार,
अमरीकी दूतावास (दिल्ली) ने भी अपने फेसबुक/ट्विटर के आधिकारिक पेजों पर नियमित
जानकारी हिन्दी में डालना शुरू किया है, जब विदेशी लोग इस बात को समझ रहे हैं कि
भारत की जनता से संवाद के लिए जनभाषा से बेहतर कुछ नहीं है तो राष्ट्रपति सचिवालय
अपनी राजभाषा की अनदेखी कैसे कर सकता है)
६. राष्ट्रपति
जी के आधिकारिक ट्विटर/फेसबुक/यूट्यूब खातों पर फिलहाल नाम/परिचय विदेशी भाषा
अंग्रेजी में लिखा गया है, क्या उसमें राजभाषा हिन्दी को शामिल करने में कोई नियम
आड़े आता है इसलिए राजभाषा को स्थान नहीं दिया गया है? (द्विभाषी अनुलग्नक देखें)
७. संविधान
के अनुच्छेद 343 के अनुसार भारत की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी है पर
राष्ट्रपति जी से संबंधित सभी वेबसाइट स्वतः (डिफाल्ट) अंग्रेजी में खुलती हैं इस
तरह राष्ट्रपति सचिवालय ने राजभाषा हिन्दी को अंग्रेजी से कमतर आँका है, हिंदी को
अंग्रेजी से ओछा समझा है वर्ना क्या कारण है कि हिन्दी वेबसाइट को प्राथमिकता नहीं
दी जा रही? अंतिम अनुलग्नक “द्विभाषी होमपेज” देखें (बड़े दुःख की बात है कि
भारत के संविधान में लिखा है कि हिन्दी राजभाषा है पर राष्ट्रपति सचिवालय अपनी वेबसाइटों
के होमपेज द्विभाषी बनाने के लिए राजी नहीं है और ना ऐसी व्यवस्था करने के लिए
तैयार है जिसमें राष्ट्रपति जी की वेबसाइटें द्विभाषी रूप में खुलें.)
८. क्या
राष्ट्रपति भवन के नियमों में लिखा है कि राष्ट्रपति जी से संबंधित कोई भी वेबसाइट
बाई डिफाल्ट हिन्दी में नहीं खुलनी चाहिए? भले ही आप कहें कि पहले हिंदी वेबसाइट
खुलने का कोई नियम नहीं है तो क्या अंग्रेजी वेबसाइट पहले खुले उसका नियम/आदेश है,
यदि ऐसा नियम/आदेश है तो वह नियम/आदेश उपलब्ध करवाएँ?
९. भारत
सरकार ने अक्तूबर 2014 में भारत की प्रमुख भाषाओं की लिपियों में वेबसाइट डोमेन
नाम पंजीयन की व्यवस्था शुरू की है. चूँकि भारत की आधिकारिक लिपि “देवनागरी लिपि”
है इसलिए राष्ट्रपति.भारत, राष्ट्रपतिसचिवालय.भारत, राष्ट्रपतिभवन.भारत जैसे डोमेन
नाम पंजीकृत करवाए जाने चाहिए कृपया सूचित करें कि क्या राष्ट्रपति सचिवालय ने इस
विषय में कोई कदम उठाया है?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपसे विनम्र प्रार्थना है इस पोस्ट को पढ़ने के बाद इस विषय पर अपने विचार लिखिए, धन्यवाद !