अनुवाद

बुधवार, 11 दिसंबर 2013

जिन्हें अंग्रेजी नहीं आती वे ऑनलाइन रेल टिकट आरक्षित ना करवाएँ

प्रति,
श्रीमान निदेशक (शिकायत)
राजभाषा विभाग
गृह मंत्रालय 
नई दिल्ली

विषय: आईआरसीटीसी द्वारा राजभाषा की उपेक्षा की लोक शिकायत 

महोदय,

रेल मंत्रालय के अधीन कार्यरत आईआरसीटीसी द्वारा राजभाषा की निरंतर उपेक्षा की जा रही है इसलिए आपसे अनुरोध है मेरी शिकायत को संज्ञान में लेकर आईआरसीटीसी को कड़े निर्देश जारी करें.

भारत की राजभाषा हिन्दी है तथा विभिन्न राज्यों की अपनी राजभाषाएँ हैंभारत में लगभग तीन प्रतिशत लोग अंग्रेजी जानते हैं और सत्तानवे प्रतिशत लोग अंग्रेजी नहीं जानते हैं. यहाँ ध्यान देने योग्य है कि देश कि छप्पन करोड़ जनता की मातृभाषा हिन्दी है और लगभग पच्चीस करोड़ लोग हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखते हैं.

इन तथ्यों से पता चलता है कि देश के सत्तानवे प्रतिशत नागरिकों पर अंग्रेजी थोपने की बजाए उन्हें उनकी भाषा में अथवा कम से कम हिन्दी भाषा में दी जानी चाहिए पर ऐसा नहीं हो रहा है उन पर अंग्रेजी थोपी जा रही है.  रेल यात्रा, गरीब और अमीर सभी करते हैं फिर इस सेवा में  हिंदी को अधिक प्राथमिकता मिलने से यात्रियों का भला होगा. 

शिकायत के प्रमुख बिंदु:
१. आईआरसीटीसी द्वारा प्रयोग में लाया जा रहा प्रतीक-चिह्न (लोगो)  केवल अंग्रेजी में बनाया गया है. जबकि इसे हिन्दी में अथवा द्विभाषी रूप में बनाया जाना चाहिए.

२. आईआरसीटीसी द्वारा बनाई गई अंग्रेजी वेबसाइट हमेशा पहले खुलती है और राजभाषा की उपेक्षा करते हुए हिन्दी का विकल्प अंग्रेजी वेबसाइट पर दिया गया है. अंग्रेजी वेबसाइट को प्राथमिकता दी गई है. नियमानुसार वेबसाइट राजभाषा विभाग अथवा पत्र-सूचना कार्यालय की वेबसाइट की तरह द्विभाषी होनी चाहिए ताकि हिन्दी-अंग्रेजी की सामग्री एक साथ प्रदर्शित हो. पूर्व निर्धारित रूप से अंग्रेजी वेबसाइट का पहले खुलना यह दर्शाता है कि आईआरसीटीसी अंग्रेजी को प्राथमिकता देता है और मजबूरी में हिन्दी का प्रयोग करना पड़ रहा है. यह अनुच्छेद ३५१ का भी उल्लंघन है जिसमें कहा गया है कि भारत सरकार हिन्दी को बढ़ावा देगी और अपने कामकाज में हिन्दी को प्राथमिकता देगी जबकि आईआरसीटीसी इस तरह अंग्रेजी को प्रश्रय और प्राथमिकता दे रहा है.  

३. कहने को आईआरसीटीसी ने हिन्दी वेबसाइट बनाई गई है पर उसके मुखपृष्ठ से लेकर अन्य सभी पृष्ठों में ज़्यादातर जानकारी, पृष्ठ के निचले हिस्से की सभी जानकारियाँ केवल अंग्रेजी में डाली गई हैं. हिन्दी वेबसाइट पर अंग्रेजी में लिखे विकल्पों को क्लिक करने पर सीधे अंग्रेजी के पेज खुल जाते हैं जबकि नियम १००% द्विभाषी वेबसाइट का बनाया गया है. ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा वर्षों से केवल अंग्रेजी में ही उपलब्ध है, ऑनलाइन टिकट बुकिंग का प्रारूप केवल अंग्रेजी में बनाया गया है और उसमें नाम आदि अंग्रेजी में भरना भी अनिवार्य है. यह सुविधा हिन्दी अथवा द्विभाषी रूप में अविलम्ब शुरू करवाई जाए.

4. बुकिंग के पश्चात् दयाभाव से कम्पनी ने टिकट छापने की सुविधा अंग्रेजी और हिंदी में दी है यानी कि आप अपनी मर्जी से टिकट की भाषा चुन सकते हैं, अंग्रेजी का टिकट तो पूरी तरह से अंग्रेजी में होता है पर हिंदी के टिकट में अंग्रेजी की भरमार है स्थानों के नाम, गाड़ी का नाम, यात्रियों के नाम, शायिकाओं का विवरण, किराया [शब्दों में] आदि केवल अंग्रेजी में ही छपता है. जिसे अंग्रेजी का ज्ञान ना हो वो ऐसे हिंदी टिकट को लेकर भी सहयात्रियों से पूछताछ करता फिरता है. ऐसा हरदिन करोड़ों रेल यात्रियों के साथ हो रहा है. जब अंग्रेजी का टिकट 100% अंग्रेजी में होता है तो फिर हिंदी का टिकट 100% हिंदी में क्यों नहीं दिया जातायह ई-टिकट सुविधा द्विभाषी रूप में अविलम्ब शुरू करवाई जाए. यदि ऑनलाइन टिकट बुकिंग कि सुविधा 100% हिंदी में उपलब्ध करवाई जाती है तो आम आदमी स्वयं अपने टिकट निकाल पाएँगे और उन्हें दलालों और एजेंटो के शोषण से भी निजात मिलेगी.

5 आईआरसीटीसी ने टिकट बुकिंग हेतु मोबाइल के अनुप्रयोग (एप्प) भी केवल अंग्रेजी में बनाए हैं उसमें राजभाषा का कोई विकल्प नहीं दिया गया है इससे देश के अंग्रेजी ना जानने वाले करोड़ों यात्री मोबाइल पर टिकट बुकिंग की इस बेहतरीन सेवा के लाभ एवं इस्तेमाल से एक झटके में वंचित हो गए हैं. यह सुविधा हिन्दी अथवा द्विभाषी रूप में अविलम्ब शुरू करवाई जाए.

6. आईआरसीटीसी ने ई-टिकट सम्बन्धी एसएमएस अलर्ट की सुविधा भी केवल अंग्रेजी में ही उपलब्ध करवाई है, जिसे अंग्रेजी का ज्ञान ना हो वो ऐसे एसएमएस अलर्ट को लेकर सहयात्रियों से पूछताछ करता फिरता है क्योंकि वह उसे पढ़ नहीं सकता, ऐसी परेशानी करोड़ों यात्रियों को प्रतिदिन हो रही है. यह सुविधा अविलम्ब हिन्दी में शुरू करवाई जाए.

7. आईआरसीटीसी ने ऑनलाइन खरीदारी, हवाई टिकट आरक्षण एवं पर्यटन के लिए भी अलग-२ वेबसाइटों का केवल अंग्रेजी में निर्माण किया है, इन सभी वेबसाइटों को भी द्विभाषी रूप में आरम्भ करवाया जाए. रेल आहार के प्रतीक-चिह्न में हिंदी को अंग्रेजी से नीचे प्रयोग किया गया है उसमें सुधार करवाया जाए.

8. आईआरसीटीसी द्वारा सभी ईमेल उपयोगकर्ताओं को ई-टिकट सम्बन्धी सभी ईमेल जैसे टिकट आरक्षण, रद्दीकरण, रेलगाड़ी छूट जाने पर भरे जाने वाले टीडीआर जमा करने सम्बन्धी ईमेल केवल अंग्रेजी में भेजा जाता है जबकि ऐसे सभी ईमेल पूर्वनिर्धारित होते हैं और इन्हें हिंदी अथवा द्विभाषी रूप में भेजा जा सकता. अंग्रेजी में ईमेल भेजे जाने से यात्रियों और उपयोगकर्ताओं को भारी परेशानी का सामना तो करना ही पड़ता है, आईआरसीटीसी द्वारा ईमेल- पत्र भेजने में राजभाषा सम्बन्धी सभी नियमों और प्रावधानों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं और ऐसा वर्षों से चल रहा है.