हम सभी हमारी हिन्दी की उपेक्षा के लिए सदा ही सरकार को कोसते रहते हैं पर कभी सोचा है कि आपने हिन्दी के लिए आज दिन तक क्या किया.
कोई बड़ा काम नहीं करना है बस यदि घर से शुभारंभ करेंगे तो परिवर्तन अवश्य आएगा. माँ भाषा जो है उसके साथ अन्याय हो ऐसा सहन तो नहीं कर सकते.
अपनी भाषा के लिए बीस सूत्र
एक शुभारंभ अपने घर से करें:
१. हिन्दी समाचार-पत्र और पत्रिकाएँ खरीदें/पढ़ें.
२. घर के बाहर लगने वाली अपने नाम की तख्ती हिन्दी में लिखवाएं.
३. बात करते समय हर वाक्य में अंग्रेजी-उर्दू के शब्द ना घुसाएँ.
४. बच्चों को हिन्दी की पुस्तकें और चित्रकथाएं पढ़ने को दें. बच्चों से हिन्दी में बात करें, अंग्रेजी तो स्कूल सिखा देगा. बात-२ में मैंगों, कैरट, कैप्सिकम, कुकुम्बर, ग्रैप्स आदि का प्रयोग ओछापन है समझदारी नहीं. अंग्रेजी एक विषय है पर माध्यम नहीं.
५. बच्चों को कंप्यूटर पर हिन्दी में टंकण सिखाएँ.
६. अपनी कंपनी, संस्था, दुकान, कार्यालय आदि के प्रतीक-चिह्न, पत्र-शीर्ष, आगंतुक-पत्रक(विजिटिंग कार्ड), रबर की मुहरें, कम्पनी की सार्व-मुद्रा, लिफाफे आदि केवल हिन्दी में छपवाएँ.
७. घर -परिवार के आयोजनों के आमंत्रण पत्र हिन्दी में छपवाएँ.
८. ईमेल, ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब आदि सामाजिक माध्यमों पर अपने नाम/हस्ताक्षर आदि हिन्दी में सहेजें और इन पर हिन्दी का सही वर्तनी का ध्यान रखते हुए इस्तेमाल करें. इनकी नियत (डिफॉल्ट)भाषा हिन्दी साईट करें.
९. देवनागरी के अंकों को इतिहास बना दिया था सरकार ने पर गूगल ने इन्हें जिला दिया है अब हम अपने कर्तव्य को समझें, क्या अपनी भाषा का महत्त्व हमें विदेशियों से ही सीखना होगा.
१०. यदि आप कोई उत्पाद-सामान-सामग्री आदि बनाकर डिब्बाबंद करके बेचते हैं तो उस डिब्बे/पैक/पैकेट/थैली/पुड़िया/ पुडा आदि पर आप जो कुछ भी विवरण डालते हैं उसमें हिन्दी को प्रमुखता से छपवाएँ.
११. अपने मोबाइल पर नाम-पते आदि हिन्दी में सहेजें, मोबाइल की भाषा हिन्दी सेट करें.
१२. हिन्दी का इस्तेमाल हर स्थान पर गर्व के साथ करें. मैं एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कंपनी सचिव/कार्पोरेट सलाहकार हूँ पर कंपनी काम के अरिरिक्त अपना सारा काम हिन्दी में करता हूँ, खुद के खाते -पत्र-व्यवहार सभी हिन्दी में लिखता हूँ. शुरू में थोड़ा अटपटा लगा पर अपनी सारी झिझक निकाल दी. अरे अपनी माँ-भाषा के इस्तेमाल में लज्जा कैसी.
१३. आप जो भी सरकारी फार्म भरते हैं, सरकारी विभाग को शिकायत/आर टी आई भेजते हैं/पत्र लिखते हैं सबकुछ हिन्दी में करें.
१४. मैं अभी एक कम्पनी बनाने वाला हूँ जिसके सारे दस्तावेज कंपनी कार्य मंत्रालय(कंपनी पंजीयक) को केवल हिन्दी में जमा करूँगा. आगे देखेंगे क्या होगा? क्योंकि शायद कंपनी कार्य मंत्रालय(कंपनी पंजीयक) हिन्दी में संगम ज्ञापन/अंतर्नियम (MoA/AoA) हिन्दी में स्वीकार नहीं करता.
१५. जब भी किसी कंपनी के ग्राहक सेवा केन्द्र (कॉल सेण्टर) में फ़ोन लगाएँ, हिन्दी का विकल्प चुनें और हिन्दी में ही बात करें.
१६. यदि सरकारी सेवा में हैं अथवा निजी व्यवसाय करते हैं तो अपना कार्य हिन्दी में करें.
१७. जब भी किसी निजी कंपनी से बीमा पॉलिसी खरीदें, फॉर्म हिन्दी में भरें, उस कंपनी से पॉलिसी प्रपत्र की हिन्दी में मांग करें.
१८. जब भी किसी निजी कंपनी से मोबाइल/गैस/डीटीएच/फ़ोन कनेक्शन खरीदें, फॉर्म हिन्दी में भरें, उस कंपनी से फॉर्म एवं बिल आदि हिन्दी में प्रदान करने के लिए कहें.
१९. जब भी किसी निजी कंपनी से निवेश/म्युचुअल फंड/ईटीएफ आदि खरीदें, फॉर्म हिन्दी में भरें, उस कंपनी से फॉर्म एवं अन्य दस्तावेज, प्रीमियम नोटिस आदि हिन्दी में प्रदान करने के लिए कहें.
२०. यदि आप सॉफ्टवेयर अभियंता अथवा इंजीनियर हैं तो सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी के प्रयोग के सरल उपकरण उपलब्ध करवाएँ अथवा जो संस्थान इस काम में लगे हैं उन्हें अपनी सेवाएँ उपलब्ध करवाएँ.
२०. यदि आप सॉफ्टवेयर अभियंता अथवा इंजीनियर हैं तो सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी के प्रयोग के सरल उपकरण उपलब्ध करवाएँ अथवा जो संस्थान इस काम में लगे हैं उन्हें अपनी सेवाएँ उपलब्ध करवाएँ.
आप सभी से निवेदन है कि इस सूची में अपने सुझाव भी जोड़ते रहें और हमारे साथ साझा करें.
मेरा अनुभव:
मेरी कंपनी कुछ उत्पाद बुल्गारिया देश को निर्यात करती है और वहाँ से गुलाब का तेल आयात करती है. बुल्गारिया दक्षिण-पूर्व यू रोप में स्थित देश है, जिसकी राजधानी सोफ़िया है। देश की सीमाएं उत्तर में रोमानिया से, पश्चिम में सर्बिया और मेसेडोनिया से, दक्षिण में ग्रीस और तुर्की से मिलती हैं। इसकी जनसँख्या मात्र ७७ लाख है और क्षेत्रफल 42,858 मील² अथवा 111,001.9 किमी². अर्थात यह देश भारत के ११ राज्यों के व्यक्तिगत क्षेत्रफल से भी छोटा है. जनसँख्या में यह ९२ वें स्थान पर है. फिर भी इस देश की मूल भाषा केवल बुल्गारियाई ही है और अदालत से लेकर ज्ञान-विज्ञान और चिकित्सा की भाषा केवल बुल्गारियाई.
वहाँ के आपूर्तिकर्ता ने हमारी कंपनी के साथ धोखा किया और अग्रिम धन हड़प गया. वसूली के लिए हमने एक वकील ढूँढा और उसकोसारा प्रकरण समझाया. उसने हमारे कागज़ तैयार किए और हमें भेजे (वर्ड फाइल). मैंने फ़ाइल खोलकर देखी तो हैरान. किसी भी दस्तावेज में एक शब्द भी समझ नहीं आया, अंग्रेजी का एक अक्षर भी इस्तेमाल नहीं किया गया था. सबकुछ था तो केवल बुल्गारियाई में.
मजे की बात फाइल मेरे कंप्यूटर पर आसानी से खुली, कोई फॉण्ट नहीं डालना पड़ा, कोई अक्षर तितरबितर नहीं हुए (भारत में आज तक सरकार ने सभी कंप्यूटर/मोबाइल/टीवी उपकरणों पर हिन्दी का विकल्प देने की अनिवार्यता लागू नहीं की, करोड़ों लोग आज भी कम्प्यूटरों पर हिन्दी के इस्तेमाल के बारे में जानते ही नहीं हैं), सबकुछ स्पष्ट पर मैं पढ़ नहीं सकता था. मैंने सोफिया में अपने वकील को फ़ोन लगाया.
उसने जो कहा वो आँखें खोलने वाला था-
' महोदय, हमारे देश में सारा कामकाज बुल्गारियाई में ही किया जाता है हम वकील सारे दस्तावेज केवल बुल्गारियाई में ही तैयार करते हैं और न्यायालय में भी सभी कार्यवाही बुल्गारियाई में होती है."
"महोदय करते हैं पर केवल विदेशी पक्षकार विशेष रूप से मांग करे कि उसे क़ानूनी दस्तावेज अंग्रेजी में चाहिए हैं तब हम उसका अंग्रेजी अनुवाद भेज देते हैं. केवल अंग्रेजी का दस्तावेज सामान्यतः न्यायालय स्वीकार नहीं करता."
मुझे यह सब सुनकर अपने देश की क़ानूनी व्यवस्था और सरकारी कामकाज के बारे में सोचकर बड़ी लज्जा आई.
कितना छोटा देश है पर कितना स्वतंत्र देश है. क्या कभी हमारा भारत स्वतंत्र हो पाएगा?