अनुवाद

मंगलवार, 8 अक्तूबर 2013

आप भले ही भारतवासी हों, पर पासपोर्ट की जानकारी हिन्दी में नहीं मिलेगी

प्रति,
श्रीमान निदेशक (शिकायत)
राजभाषा विभाग
गृह मंत्रालय 
नई दिल्ली

विषय: कॉन्सुलर, पारपत्र एवं वीज़ा प्रभाग द्वारा राजभाषा की उपेक्षा की लोक शिकायत 

महोदय,
विदेश मंत्रालय के अधीन कार्यरत कॉन्सुलर, पारपत्र एवं वीज़ा प्रभाग द्वारा राजभाषा की निरंतर उपेक्षा की जा रही है और राजभाषा सम्बन्धी प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है इसलिए आपसे अनुरोध है मेरी शिकायत को संज्ञान में लेकर कॉन्सुलर, पारपत्र एवं वीज़ा प्रभाग को कड़े निर्देश जारी करें:

शिकायत के प्रमुख बिंदु:
१. प्रभाग द्वारा प्रयोग में लाया जा रहा प्रतीक-चिह्न (लोगो) केवल अंग्रेजी में [PASSPORT SEVA, service excellence] बनाया गया है. जबकि इसे हिन्दी में अथवा द्विभाषी रूप में बनाया जाना चाहिए.
२. प्रभाग द्वारा बनाई गई अंग्रेजी वेबसाइट हमेशा पहले खुलती है और राजभाषा की उपेक्षा करते हुए हिन्दी का विकल्प अंग्रेजी वेबसाइट पर दिया गया है. अंग्रेजी वेबसाइट को प्राथमिकता दी गई है. नियमानुसार वेबसाइट राजभाषा विभाग अथवा पत्र-सूचना कार्यालय की वेबसाइट की तरह द्विभाषी होनी चाहिए ताकि हिन्दी-अंग्रेजी की सामग्री एक साथ प्रदर्शित हो. पूर्व निर्धारित रूप से अंग्रेजी वेबसाइट का पहले खुलना यह दर्शाता है कि प्रभाग अंग्रेजी को प्राथमिकता देता है और मजबूरी में हिन्दी का प्रयोग करना पड़ रहा है. यह अनुच्छेद ३५१ का भी उल्लंघन है जिसमें कहा गया है कि भारत सरकार हिन्दी को बढ़ावा देगी और अपने कामकाज में हिन्दी को प्राथमिकता देगी जबकि प्रभाग इस तरह अंग्रेजी को प्रश्रय और प्राथमिकता दे रहा है.  
३. कहने को प्रभाग ने हिन्दी वेबसाइट बनाई गई है पर उसके मुखपृष्ठ से लेकर अन्य सभी पृष्ठों में ज़्यादातर अनुलग्न फाइलें (पीडीएफ) केवल अंग्रेजी की हैं. सारी प्रेस विज्ञप्तियाँ भी अंग्रेजी में डाली गई हैं, यहाँ तक कि होमपेज पर ही प्रभाग का नाम, दिनांक, लिंक, पृष्ठ के निचले हिस्से की सभी जानकारियाँ केवल अंग्रेजी में डाली गई हैं. हिन्दी वेबसाइट पर अंग्रेजी में लिखे विकल्पों को क्लिक करने पर सीधे अंग्रेजी के पेज खुल जाते हैं जबकि नियम १००% द्विभाषी वेबसाइट का बनाया गया है. 
४. प्रभाग ने एमपासपोर्ट नाम का अनुप्रयोग (एप्प) भी केवल अंग्रेजी में बनाया है उसमें राजभाषा का कोई विकल्प नहीं दिया गया है इससे देश के  अंग्रेजी ना जानने वाले करोड़ों नागरिक इस बेहतरीन सेवा के लाभ एवं इस्तेमाल से एक झटके में वंचित हो गए हैं.
५. प्रभाग की हिन्दी वेबसाइट के होमपेज पर भारत सरकार की अन्य वेबसाइटों के जो लिंक दिए गए हैं वे भी केवल संबंधित अंग्रेजी वेबसाइट के दिए गए हैं ताकि आम जनता गलती से कोई दूसरी वेबसाइट हिन्दी में ना खोल ले.
६. पासपोर्ट सेवा सम्बन्धी वीडियो भी केवल अंग्रेजी में जारी किया गया है. उसका हिन्दी संस्करण कहीं नहीं मिला.
७. प्रभाग की हिन्दी वेबसाइट के होमपेज पर ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी केवल अंग्रेजी में दी गई है उसमें हिन्दी का कोई विकल्प नहीं दिया गया है, ऑनलाइन फॉर्म सम्बन्धी सभी विवरण-निर्देश-जानकारी भी केवल अंग्रेजी में दी गई है.
८. प्रभाग ने सूचना, प्रतिक्रिया और शिकायत के ऑनलाइन फॉर्म भी केवल अंग्रेजी में ही उपलब्ध करवाए हैं.
९. दो जुलाई २००८ को संसदीय राजभाषा समिति की संस्तुतियों पर [आठवीं रिपोर्ट] भारत के राष्ट्रपति जी ने संस्तुति 77 पर आदेश जारी किया था कि पासपोर्ट की सभी प्रविष्ठियाँ द्विभाषी रूप में करने की व्यवस्था की जाए. परन्तु मंत्रालय अथवा विभाग ने अब तक एक भी पासपोर्ट द्विभाषी प्रविष्टियों के साथ जारी नहीं किया है. मंत्रालय और प्रभाग ने पिछले पांच सालों में इसके लिए कदम क्यों नहीं उठाया? इसकी पड़ताल की जाए.

आपके द्वारा शीघ्र कार्यवाही की अपेक्षा है,