अनुवाद

मंगलवार, 8 अक्तूबर 2013

लोक उद्यम चयन बोर्ड नहीं चाहता कि अंग्रेजी ना जानने वाले देहाती लोग सरकारी नौकरी करें

प्रति,
सचिव 
लोक उद्यम चयन बोर्ड 
501, खण्ड क्र. 14, 
केन्द्रीय कार्यालय परिसर , लोधी रोड, 
नयी दिल्ली  - 110003 


विषय: लोक उद्यम चयन बोर्ड क्यों  कर रहा है राजभाषा अधिनियम का उल्लंघन ?


महोदय,



अगस्त १९९९ से सभी सरकारी निकायों को द्विभाषी वेबसाइट बनाना अनिवार्य किया गया था. आज पूरे चौदह बरस बीत चुके हैं. 

इन १४ सालों से आपने लोक उद्यम चयन बोर्ड  की वेबसाइट द्विभाषी बनाने की  दिशा में शायद कोई काम नहीं किया. यदि किया होता तो आज वेबसाइट द्विभाषी रूप में होती. केवल २-३ पेज ऐसे हैं जहाँ अधिकारियों के नाम द्विभाषी रूप में नज़र आते हैं उसमें भी सन १९९२ के उस नियम का उल्लंघन किया गया है जिसमें कहा गया है कि द्विभाषी दस्तावेजों में राजभाषा का प्रयोग विदेशी भाषा 'अंग्रेजी' से पहले किया जाएगा. निवेदन है कि इस उल्लंघन को रुकवाएं, हिन्दी भारत की राजभाषा है अंग्रेजी नहीं, यह बात आप भी जानते हैं.


आपकी वेबसाइट पर कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी हिन्दी में नहीं पायी गई. सारे दस्तावेज आप अंग्रेजी में जारी करते हैं. एक प्रेस विज्ञप्ति भी वेबसाइट पर हिन्दी में नहीं है?  

आपके द्वारा समाचार-पत्रों में जारी होने वाले द्विभाषी विज्ञापनों में हिन्दी के भाग में हर बार त्रुटियाँ पायी जाती हैं, यह सचमुच लज्जास्पद है! क्या संबंधित अधिकारी ऐसे ४-६ पंक्तियों के विज्ञापनों को भी बिना पढ़े जारी कर देते हैं? आपसे अनुरोध है कि आगे जब भी विज्ञापन जारी हो उसे ठीक तरह से जाँच करके भेजा जाए. (कृपया अनुलग्नक देखें)

आपने द्विभाषी वेबसाइट बनाने के लिए क्या योजना बनाई है और कब तक यह वेबसाइट शुरू की जाएगी ?


आपके उत्तर की अपेक्षा है...........