प्रति,
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय
एनडीसीसी-II (नई दिल्ली सिटी सैंटर) भवन, 'बी' विंग
चौथा तल, जय सिंह रोड़
नई दिल्ली - 110001
विषय: केंद्र सरकार के विभिन्न
मंत्रालयों/विभागों/निकायों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों/समारोह/प्रेस सम्मेलनों के
आयोजन में भारत की राजभाषा के प्रयोग के सम्बन्ध में लोक शिकायत:
महोदय,
केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/निकायों द्वारा आयोजित
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों/समारोह/प्रेस
सम्मेलनों के आयोजन में हर स्तर पर भारत की
राजभाषा एवं जन-जन की भाषा 'हिन्दी'
की घोर उपेक्षा की जा रही है तथा राजभाषा सम्बन्धी संवैधानिक प्रावधानों का
उल्लंघन हो रहा है. इसमें प्रवासी भारतीय
कार्य मंत्रालय का नाम भी जुड़ा है।
संविधान के अनुच्छेद 343-351 तथा राजभाषा
अधिनियम 1963 एवं भारत की राजभाषा नीति के पालन को तब तक सुनिश्चित
नहीं किया जा सकता जब तक इनके उल्लंघन होने पर सूचना कानून की तरह दंडात्मक
प्रावधान नहीं किये जाते। राजभाषा विभाग को इसके लिए गृह मंत्रालय में प्रस्ताव भेजना
चाहिए।
आपसे अनुरोध है कि संविधान के अनुच्छेद 343-351
तथा राजभाषा अधिनियम 1963 एवं भारत की
राजभाषा नीति के उल्लंघन को रोकने के लिए शीघ्र कार्यवाही करें।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान हिन्दी से है इसलिए भी ऐसे अंतर्राष्ट्रीय
समारोह में हिन्दी को महत्त्व दिया जाना चाहिए.
उल्लंघन के उदाहरण:
1. प्रवासी भारतीय
दिवस जो कि 7-9 जनवरी 2013
को कोच्ची, केरल में आयोजित होना है उसमें भी हिंदी की उपेक्षा
की जा रही है आधिकारिक वेबसाइट अभी तक सिर्फ अंग्रेजी में ही बनी है,
आधिकारिक बैनर में अंग्रेजी पहले है और हिंदी बाद में है। (अनुलग्नक
देखें) समय रहते "प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय" को निर्देशित करें की
आगामी आयोजन में राजभाषा कानून का कोई उल्लंघन ना हो,
वेबसाइट हिंदी में बनायी जाए ।
प्रवासी भारतीय दिवस के लिए सम्बंधित मंत्रालय
के प्रमुख अधिकारियों को तुरंत सभी
बैनर-पोस्टर-मेज नाम पट्टिकाएँ (टेबल नेम प्लेट्स) आदि सहित प्रत्येक
लेखन सामग्री (स्टेशनरी) में अंग्रेजी के
साथ हिन्दी को अंग्रेजी के ऊपर प्राथमिकता देते हुए शामिल करने के निर्देश जारी
करें, ऐसा मेरा विनम्र अनुरोध है तथा इन उल्लंघनों के खिलाफ
सम्बंधित अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। इन मामलों को राजभाषा
विभाग सम्बन्धित मंत्री महोदय (जिनके अधीन वह निकाय आता हो) के समक्ष उठाए।
आगामी आयोजन में संविधान के
अनुच्छेद 343-351 तथा राजभाषा
अधिनियम 1963 एवं भारत की राजभाषा नीति का ऐसा उल्लंघन ना हो इसके
लिए कड़े निर्देश जारी किये जाएँ.
सबूत के तौर पर के प्रेसवार्ता का चित्र संलग्न हैं.
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