अनुवाद

सोमवार, 18 मार्च 2013

प्रसार भारती द्वारा राजभाषा अधिनियम एवं संविधान के राजभाषा सम्बन्धी प्रावधानों की उपेक्षा एवं उल्लंघन


 ---------- अग्रेषित संदेश ----------
प्रेषक: प्रवीण जैन <cs.praveenjain@gmail.com>
दिनांक: 15 मार्च 2013 12:48 pm
विषय: Reminder 2 : प्रसार भारती द्वारा राजभाषा अधिनियम एवं संविधान के राजभाषा सम्बन्धी प्रावधानों की उपेक्षा एवं उल्लंघन सम्बन्धी
प्रति: sircar.j@gmail.com
प्रति: palsingh1958@yahoo.co.in, jp_gairola@yahoo.co.in, webadmin@dd.nic.in, Id_mandloi@rediffmail.com

प्रति,
श्रीमती मृणाल पांडे 
अध्यक्षप्रसार भारती बोर्ड
2रा  तलपीटीआई भवन
संसद मार्गनई दिल्ली - 110 001

श्री जवाहर सरकार 
मुख्य कार्यकारी अधिकारी
प्रसार भारती
2रा तल ,
पीटीआई भवनसंसद मार्गनई दिल्ली - 110 001


विषय: प्रसार भारती द्वारा राजभाषा अधिनियम एवं संविधान के राजभाषा सम्बन्धी प्रावधानों की उपेक्षा एवं उल्लंघन की शिकायत 

शिकायत के मुख्य बिंदु:

१. प्रसार भारती की मूल वेबसाइट http://prasarbharati.gov.in/ का हिन्दी में उपलब्ध ना होना.
२. दूरदर्शन समाचार चैनल की http://www.ddinews.gov.in/ का हिन्दी में उपलब्ध ना होना.
३. आकाशवाणी की वेबसाइट http://allindiaradio.gov.in/ पर हिन्दी के नाम पर केवल 'मुख्यपृष्ठ' बाकी जानकारी 'रिक्त'.

४. दूरदर्शन के विभिन्न चैनलों के प्रतीक-चिन्हों में अंग्रेजी का बोलबाला, हिन्दी का सफाया. मूल प्रतीक-चिन्ह (जो अब दिखाई कम देता है)को छोड़कर दूरदर्शन के सभी प्रतीक चिन्ह अंग्रेजी में बनाये गए हैं। (सूची संलग्न है)
५. आकाशवाणी समाचार की वेबसाइट http://www.newsonair.com का हिन्दी में उपलब्ध ना होना.
६. प्रसार भारती से संबद्ध जो एकमात्र  वेबसाइट हिन्दी में है, वह है http://ddindia.gov.in/परन्तु यह वेबसाइट अंग्रेजी वेबसाइट के साथ अद्यतन नहीं की जाती। कई बार तो कार्यक्रमों की जानकारी हिन्दी वेबसाइट पर ७-८ दिन तक अद्यतन नहीं होती. हिन्दी वेबसाइट का इस्तेमाल भी बेहद कठिन हैं, पन्ने खोलने के लिए काफी जुगत लगानी पड़ती है. कई टैब को क्लिक करने पर जानकारी अंग्रेजी में ही उपलब्ध होती है. 
७. आकाशवाणी संग्रहालय से जो संगीत के संकलन (सीडी/कैसेट) आदि के रूप में जारी किये गए उनके आवरण, विज्ञापन आदि में भी राजभाषा को यथोचित स्थान नहीं दिया गया/दिया जाता. सीडी आदि के छापे गए आवरण पर अंग्रेजी को प्राथमिकता.
७. प्रसार भारती के सामाजिक माध्यम (सोशल मीडिया-यूट्यूब/फेसबुक) चैनलों पर केवल अंग्रेजी का वर्चस्व, हिन्दी को कोई स्थान नहीं.
९. कर्मचारी प्रशिक्षण संस्थान (तकनीक) की वेबसाइट http://stitairdd.org/ का हिन्दी में उपलब्ध ना होना.
१०. हिन्दी में प्रसारित होने वाले अधिकतर कार्यक्रमों आदि के प्रारंभ और अंत में आने वाले शीर्षक-नाम-विवरण भी अंग्रेजी में होते हैं जबकि उन्हें अनिवार्य रूप से केवल हिन्दी में लिखा/प्रदर्शित किया किया जाना चाहिए. इसी तरह अंग्रेजी में प्रसारित कार्यक्रमों के प्रारंभ और अंत में आने वाले शीर्षक-नाम-विवरण द्विभाषी रूप में प्रदर्शित होने चाहिए.
११. दूरदर्शन के ज़्यादातर क्षेत्रीय केन्द्रों/चैनलों की वेबसाइट केवल अंग्रेजी में बनाई गई हैं जबकि राजभाषा विभाग के निर्देशों के अनुसार दूरदर्शन की सभी वेबसाइटें हिन्दी में होना अनिवार्य है. देखें http://www.rajbhasha.nic.in/ap201213hin.pdf

आपके सकारात्मक उत्तर की प्रतीक्षा में 

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प्रार्थी,
प्रवीण कुमार जैन