प्रति,
केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई)
भूखंड क्र. ५-बी, पहला तल, ए तथा बी विंग, केन्द्र सरकार कार्यालय संकुल (सीजीओ संकुल)
नई दिल्ली -110003
विषय: सूचना का अधिकार अधिनियम २००५ के अंतर्गत जानकारी प्राप्त करने हेतु आवेदन
1. आवेदक का नाम: ...................
2. लिंग: ..................
3.पिता का पूरा नाम: ..................
4. पत्र-व्यवहार का पता: ...................
6. ईमेल: ........
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भारत की विदेश राज्यमंत्री श्रीमती प्रणीता कौर जी ने नौवें विश्व हिंदी सम्मेलन में (२२-२४ सितम्बर २०१२, जोहान्सबर्ग) हिंदी को संयुक्तराष्ट्र की सातवीं भाषा बनाने का संकल्प पुरजोर तरीके से उठाया, ऐसे में सरकार को हिंदी को सही मायनों में भारत की राजभाषा बनाने के कदम उठाने चाहिए, पर क्या सचमुच भारत सरकार के मंत्रालय/विभाग हिंदी को वो स्थान दे रहे हैं इस पर विचार करना चाहिए? संयुक्तराष्ट्र की भाषा बनने से पहले क्या हिंदी सही अर्थों में भारत की राजभाषा बन पायेगी? जब तक हिंदी भारत सरकार की राजभाषा नहीं बन जाती तब तक उसके संयुक्तराष्ट्र की भाषा बन जाने की बात बेमानी है.
महोदय,
उपर्युक्त विषयान्तर्गत मुझे निम्नलिखत जानकारी लिखित रूप में केवल हिन्दी में प्रदान करने की कृपा करें:
१. भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३४३ एवं राजभाषा अधिनियम १९६३ तथा उसके अधीन बने नियमों, नियमनों तथा राजभाषा नीति के अनुसार हमारे देश की राजभाषा हिन्दी तथा लिपि देवनागरी है तथा भारत की ७०% जनता हिंदी जानती-समझती और बोलती है पर आज तक केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) एवं इससे संबंधित आधिकारिक वेबसाइटें हिन्दी में उपलब्ध नहीं हैं, कृपया बताने का कष्ट करें कि क्या यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३४३ एवं राजभाषा अधिनियम १९६३ तथा उसके अधीन बने नियमों, नियमनों के सांवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है?
२. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) की सम्पूर्ण हिन्दी वेबसाइट कितने दिनों में आम जनता के लिए उपलब्ध करवा दी जाएगी, जिसमें सम्पूर्ण सूचनाएँ, जानकारी, प्रेस-विज्ञप्तियाँ, नवीन समाचार, ताज़ा आदेश, अधिसूचनाएं, परिपत्र, पीडीएफ अनुलग्नक, कानून, नियम, अधिनियम, कार्यालयीन आदेश, सूचना कानून सिर्फ हिंदी में होंगे तथा सभी रिपोर्ट/विवरणी/फॉर्म/ई–फॉर्म/ आवेदन फॉर्म/ऑनलाइन फॉर्म एकसाथ द्विभाषी (हिंदी-अंग्रेजी में) होंगे]?फिलहाल वेबसाइट पर सभी फॉर्म/आवेदन पत्र के प्ररूप केवल अंग्रेजी में ही उपलब्ध हैं.
३. राजभाषा अधिनियम १९६३ के अनुसार हिंदी को अंग्रेजी के ऊपर वरीयता देते हुए केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) को सभी साइनबोर्ड, सीबीआई कार्यालयों के साइनबोर्ड तथा आवेदन फार्म आदि द्विभाषी ही बनाने चाहिए, इस नियम का कई जगह उल्लंघन भी देखा गया है क्योंकि सारी जानकारी/साइनबोर्ड/दिशानिर्देश/ फार्म/ऑनलाइन फार्म/ई-फार्म आदि केवल अंग्रेजी में ही छापे जा रहे हैं. दिशा-निर्देश, साइन बोर्ड, नागरिक चार्टर, सूचना पटल, अधिकारियों के नाम पटल/आवेदन फार्म आदि तैयार करने के लिए सीबीआई की भाषानीति क्या भारत की राजभाषा नीति से अलग है?
४. पिछले तीन वित्त वर्षों में सीबीआई के मुख्यालय में अंग्रेजी के मुकाबले कितने प्रतिशत कार्य हिन्दी में किया गया, इसकी जानकारी प्रदान करने की कृपा करें?
५. भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३५१ के निदेश के अनुरूप सीबीआई ने अपने मुख्यालय एवं अधीनस्थ कार्यालयों में हिन्दी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाये हैं?
६. पिछले तीन वित्त वर्षों में सीबीआई द्वारा कितनी प्रेस विज्ञप्तियाँ /परिपत्र /अधिसूचनाएँ / कार्यालयीन आदेश / सूचनाएँ हिन्दी में जारी की गयीं?
७. राजभाषा अधिनियम १९६३/राजभाषा नीति के अनुसार हिंदी को अंग्रेजी के ऊपर वरीयता देते हुए केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) का प्रतीक-चिन्ह द्विभाषी बनाया जाना चाहिए, जो वर्तमान में केवल अंग्रेजी में है, कृपया बताएँ कि हिन्दी को शामिल करते हुए संशोधित प्रतीक चिन्ह कब लोकार्पित किया जाएगा?
आवेदक की घोषणा:
मैं भारत का वास्तविक नागरिक हूँ तथा घोषणा करता हूँ कि उक्त जानकारी सूचना कानून की धाराओं ८ एवं ९ में शामिल प्रतिबंधों में नहीं आती है और मेरी सर्वोच्च जानकारी/ज्ञान के अनुसार आपके कार्यालय से संबंधित है.
दिनांक: .......नवम्बर २०१२ आवेदक
स्थान: ........... ................. ............
संलग्न: १० रुपये मूल्य का भारतीय डाक आदेश (पोस्टल ऑर्डर)